spot_img
HomeBook LaunchJammu : बृज मोहन के डोगरी कविता संग्रह 'मनै दे आले' का...

Jammu : बृज मोहन के डोगरी कविता संग्रह ‘मनै दे आले’ का जम्मू व कश्मीर कला, संस्कृति और भाषा अकादमी द्वारा विमोचन

जम्मू : जम्मू और कश्मीर कला, संस्कृति और भाषा अकादमी (जेकेएएसीएल) ने के.एल. सहगल हॉल सांस्कृतिक अकादमी परिसर में सोमवार को आयोजित एक सादे लेकिन प्रभावशाली कार्यक्रम में प्रख्यात डोगरी कवि और संगीतकार बृज मोहन के डोगरी कविता संग्रह ‘मनै दे आले’ का भारत सिंह मन्हास (जेकेएएस), सचिव जेकेएएसीएल के कुशल मार्गदर्शन में विमोचन किया।

इस अवसर पर प्रो. ललित मगोत्रा प्रधान डोगरी संस्था जम्मू और पद्मश्री मोहन सिंह संयोजक डोगरी सलाहकार बोर्ड साहित्य अकादमी नई दिल्ली सम्माननीय अतिथि थे जबकि प्रसिद्ध डोगरी कवि डॉ. अनिल कुमार महाजन विशेष अतिथि थे।

इस अवसर पर बोलते हुए प्रो. ललित मगोत्रा ने कहा कि बृज मोहन डोगरी साहित्य और संगीत में एक प्रतिष्ठित नाम हैं। वह इतना मेहनती हैं कि वह हमेशा अपने काम में पूर्णता की आकांक्षा रखते हैं जो गुणवत्तापूर्ण काम के लिए एक अच्छा संकेत है। उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने पूरे समर्पण भाव के साथ मातृभाषा डोगरी की सेवा की है और नए लेखकों को बृज मोहन की प्रतिबद्धता से सबक लेना चाहिए।

मोहन सिंह ने कवि को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस कविता संग्रह ने डोगरी साहित्य के खजाने को और भी समृद्ध किया है। उन्होंने एक संगीतकार के रूप में उनके योगदान को भी याद किया और कहा कि डुग्गर प्रदेश की सांस्कृतिक परंपराओं के बारे में उनका अथाह ज्ञान उनकी कविताओं तथा गीतों में भी झलकता है। डॉ. अनिल कुमार महाजन ने अपने संबोधन में कहा कि बृज मोहन सदैव अपने रचनात्मक कार्यों में लीन रहते हैं। वह वास्तव में डोगरी साहित्य और संगीत के सच्चे साधक हैं।

इससे पहले जेकेएएसीएल के संपादक- सांस्कृतिक अधिकारी डॉ. शाहनवाज ने सभागार में उपस्थित सभी का विधिवत तौर पर स्वागत किया। साहित्य अकादमी और राज्य पुरस्कार से सम्मानित राजेश्वर सिंह राजू ने पुस्तक पर एक विस्तृत पेपर प्रस्तुत किया। इसके बाद राम लाल और राकेश चौहान ने डोगरी गीत डोगरेओ डुग्गरे दा मान बधायो, मां बोली डोगरी दा रिन चकायो प्रस्तुत किया। इस अवसर पर बृज मोहन ने एक कवि और संगीतकार के रूप में अपनी यात्रा के बारे में भी अपने विचार सांझा किए और पुस्तक से कुछ गीत भी सुनाए। कार्यक्रम का संचालन आकाशवाणी जम्मू की वरिष्ठतम उद्घोषिका माधवी शर्मा ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शाहनवाज ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में डोगरी, हिंदी, पंजाबी और अन्य भाषाओं के साहित्यकार, गायक, संगीतकार, कलाकार, संगीत और साहित्य प्रेमी और बृज मोहन के परिवार के सदस्य उपस्थित थे।

spot_imgspot_imgspot_img
इससे जुडी खबरें
spot_imgspot_imgspot_img

सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली खबर