Jammu : प्रशासनिक परिषद ने ओबीसी के लिए आरक्षण को शामिल करने हेतु जम्मू-कश्मीर पंचायती राज अधिनियम में संशोधन किया

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जम्मू : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई प्रशासनिक परिषद की बैठक में जमीनी स्तर की लोकतांत्रिक संस्था में ओबीसी आरक्षण सुनिश्चित करने हेतु अधिनियम में ओबीसी की परिभाषा को शामिल करने के लिए जम्मू और कश्मीर पंचायती राज अधिनियम, 1989 में संशोधन करने को मंजूरी दी गई।

बैठक में उपराज्यपाल के सलाहकार राजीव राय भटनागर, मुख्य सचिव अटल डुल्लू, उपराज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ. मंदीप के. भंडारी शामिल हुए।

इससे पहले जम्मू-कश्मीर पंचायती राज अधिनियम (संशोधन) विधेयक 2023 का मसौदा गृह मंत्रालय, भारत सरकार को प्रस्तुत किया गया था और गृह मंत्रालय द्वारा रखे गये विचारों की जांच की गई थी और संशोधित मसौदे जम्मू-कश्मीर पंचायती राज अधिनियम (संशोधन) विधेयक में आवश्यक संशोधन शामिल किए गए हैं।

संशोधन विधेयक में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण प्रदान करने हेतु ओबीसी की परिभाषा को शामिल करने, हलका पंचायत की सदस्यता से अयोग्यता की विधि समझाने, सरकार द्वारा सरपंच, नायब-सरपंच और पंच को निलंबित करने और हटाने का प्रस्ताव है। यह यहां राज्य चुनाव आयुक्त को हटाने की प्रक्रिया और सेवा की शर्तों को भी परिभाषित करता है।

प्रस्तावित संशोधनों का उद्देश्य पीआरआई के कामकाज में पारदर्शिता, संवैधानिक संरेखण और अन्य राज्यों में प्रथाओं के साथ स्थिरता सुनिश्चित करके जम्मू-कश्मीर पंचायती राज अधिनियम, 1989 को और अधिक प्रभावी बनाना है, जहां अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अलावा ओबीसी को आरक्षण प्रदान किया गया है।