जालौन : खुल गए सारे ताले वाह क्या बात हो गई, जबसे जन्मे कन्हैया करामात हो गई.. की गूंज के साथ नगर के श्रीकृष्ण मंदिरों में तथा भक्तों के घरों में भगवान श्रीकृष्ण का प्राकट्य दिवस जन्माष्टमी के रूप में मना श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाया गया। भक्तों ने भगवान के प्राकट्य दिवस के मौके पर घरों में झांकी सजायी तथा पकवानों का भगवान को भोग लगाया तथा प्रसाद वितरण किया गया।
भगवान श्रीकृष्ण का प्रकटोत्सव बुधवार व गुरुवार को मनाया गया। बुधवार को मध्य रात्रि में शुभ मुहूर्त के कारण तमाम भक्तों ने बुधवार को घरों व श्रीवीर बालाजी हनुमान मंदिर समेत विभिन्न मंदिरों में जन्माष्टमी का पर्व मनाया। वहीं कुछ लोगों ने गुरुवार को नगर के प्रमुख श्रीकृष्ण मंदिर द्वारिकाधीश, बम्बई वाला, लालजी दास परवई वाले, चौकी व कोतवाली मंदिर, मकरंदपुरा में राधा-कृष्ण मंदिर समेत नगर व ग्रामीण के सभी छोटे बड़े मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण का प्राकट्य दिवस जन्माष्टमी के रुप में मनाया गया। इस मौके पर मंदिरों को आधुनिक बिजली उपकरणों तथा प्राकृतिक तथा कृतिम फूलों से मंदिरों को सजाया गया था। द्वारिकाधीश मन्दिर तथा बम्बई वाले मंदिर व परवई वाले मंदिर में इस मौके पर अद्भुत झांकियां सजाई गई थी। मंदिरों में सजाई गई झांकियों को देखने वाले भक्तों की सांय से ही भीड़ जुटने लगी थी।घड़ी ने जैसे ही मध्य रात्रि में 12 बजने के संकेत दिये वैसे ही मंदिरों में संख, झालर, ढोल, घंटे की ध्वनि के साथ ” भय प्रकट कृपाला दीन दयाला” शब्द सुनाई देने लगी। भक्तों ने भगवान को पंचामृत में स्नान कराकर चंदन, इत्र लगाकर उनका श्रृंगार किया तथा घर में व्यजनों, फलों, मिष्ठान, सिटोरा तथा खीरा का भोग लगाया तथा भोग के बाद बने प्रसाद को भक्तों में वितरित किया गया।