जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2022 में दूसरे राज्य की तलाकशुदा और विधवा महिलाओं को इस वर्ग में शामिल कर आरक्षण का लाभ नहीं करने पर शिक्षा सचिव, कार्मिक सचिव, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक और कर्मचारी चयन बोर्ड के सचिव से जवाब तलब किया है। जस्टिस गणेश मीणा ने यह आदेश स्नेहा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए। अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि क्यों ना याचिकाकर्ताओं को सामान्य महिला के तलाकशुदा व विधवा वर्ग में शामिल कर नियुक्ति दी जाए।
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने तृतीय श्रेणी शिक्षक, लेवल-1 व लेवल-2 के लिए वर्ष 2022 में भर्ती निकाली। जिसमें याचिकाकर्ताओं ने सामान्य महिला के विधवा व तलाकशुदा वर्ग में आवेदन किया। कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से गत 31 अगस्त को भर्ती का परिणाम जारी किया गया। जिसमें याचिकाकर्ताओं के इस वर्ग के कट ऑफ से अधिक अंक भी आए। इसके बावजूद उन्हें नियुक्ति से वंचित कर दिया गया। याचिका में कहा गया कि वह दूसरे राज्य की सामान्य वर्ग की तलाकशुदा व विधवा महिलाएं हैं। ऐसे में उन्हें इस भर्ती में इसी वर्ग के तलाकशुदा व विधवा वर्ग में शामिल किया जाना चाहिए। पूर्व में भी इस तरह के मामले में राज्य सरकार ने ऐसी महिलाओं को इस वर्ग के आरक्षण का लाभ दिया है। याचिका में कहा गया कि नियमानुसार याचिकाकर्ता सामान्य महिला के ही विधवा और तलाकशुदा वर्ग में शामिल होने का अधिकार रखती हैं। इसलिए उन्हें इस वर्ग में शामिल करते हुए नियुक्ति दी जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।