जयपुर 🙁 Jaipur) राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajasthan High Court) ने खराब कार की मार्केटिंग करने के मामले में भरतपुर के मथुरा गेट थाने में फिल्म अभिनेता शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण (film actor Shahrukh Khan and Deepika Padukone) सहित अन्य के खिलाफ इस्तगासे के जरिए दर्ज एफआईआर में कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है। जस्टिस सुदेश बंसल (Justice Sudesh Bansal) की एकलपीठ ने यह आदेश शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण सहित अन्य की ओर से दायर आपराधिक याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए। इसके साथ ही अदालत ने भरतपुर की संबंधित कोर्ट से मामले से जुडा रिकॉर्ड भी तलब किया है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, विवेक राज बाजवा और अधिवक्ता माधव मित्र( senior advocates Kapil Sibal, Vivek Raj Bajwa and advocate Madhav Mitra) ने अदालत को बताया कि शिकायतकर्ता ने कार खरीदने के बाद उसे तीन साल तक करीब 67 हजार किलोमीटर चलाया और उसके बाद एफआईआर दर्ज कराई। मामले में फिल्मी कलाकार याचिकाकर्ताओं पर कोई स्पष्ट आरोप नहीं है। वे कार के ब्रांड एम्बेसडर हैं और उन्होंने सिर्फ कार का विज्ञापन किया था। याचिकाकर्ता दीपिका पादुकोण तो शिकायतकर्ता के वाहन खरीदने के बाद इस ब्रांड से जुडी हैं। इसके अलावा हर वाहन की परफॉर्मेंस उसके चलाने के तरीके पर निर्भर करती है। यदि शिकायतकर्ता को कार की परफॉर्मेंस को लेकर कोई शिकायत भी थी तो इसमें कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है। शिकायतकर्ता इसे उपभोक्ता अदालत में परिवाद दायर कर चुनौती दे सकता था। इसके बावजूद भरतपुर की निचली अदालत के पीठासीन अधिकारी ने बिना विधिक मस्तिष्क का उपयोग किए एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। ऐसे में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर में आगामी कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है। गौरतलब है कि भरतपुर के वकील कीर्ति सिंह ने इस्तगासे के जरिए मथुरा गेट थाने (FIR in Mathura Gate police station) में गत दिनों एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें कंपनी के एमडी अनसो किम, निदेशक और सीईओ तरुण गर्ग, शाहरुख खान व दीपिका पादुकोण सहित अन्य को आरोपित बनाते हुए कहा गया था कि उसने जून, 2022 में 23 लाख 97 हजार रुपए में एक कंपनी की कार खरीदी थी। हाईवे पर कार चलाने के दौरान ओवरटेक करते समय कार पिकअप नहीं लेती और उसका सिर्फ आरपीएम ही बढ़ता है। कार के ओडोमीटर में माल फंक्शन लिखा आने का साइन नजर आता है। वहीं तेज चलाने पर कार वाइब्रेट होने लगती है। एफआईआर में यह भी कहा गया कि जब शिकायत दी गई तो कार एजेंसी संचालक ने इसे कार निर्माण में दोष बताया। अपराध में कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ दोनों फिल्मी कलाकार भी बराबर के आरोपित हैं।