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Jaipur : राजस्थान में निवेश की अपार संभावनाएं, निवेशकों को हरसंभव मदद करेगी सरकार : मुख्यमंत्री

जयपुर : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि विकसित राजस्थान की यात्रा में राजस्थानी मूल के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। उनके अनुभव, सुझाव और संपर्क राज्य की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों से प्राप्त सुझावों को राज्य की महत्वपूर्ण नीतियों में शामिल किया जाएगा।

शर्मा शनिवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विभिन्न राज्यों में पदस्थापित राजस्थानी मूल के भारतीय प्रशासनिक सेवा के उच्च अधिकारियों के साथ राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के संबंध में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आगामी नाै से 11 दिसम्बर तक राजस्थान में वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन राइजिंग राजस्थान समिट का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य राजस्थान को निवेश के लिए एक प्रमुख स्थान के रूप में स्थापित करना है और इसके माध्यम से राज्य के विकास में नए आयाम जोड़ने हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी प्रदेश की प्रगति के लिए मूलभूत ढांचे का विकसित होना आवश्यक है। इसलिए हमारी सरकार पहले दिन से ही बिजली, पानी, परिवहन और आधारभूत ढांचे के विकास पर कार्य कर रही है। राज्य सरकार ईआरसीपी एवं यमुना जल वितरण जैसे समझौते तथा देवास परियोजना शुरू करने एवं इंदिरा गांधी नहर में अधिक पानी सुनिश्चित करने जैसे अहम कदमों से प्रदेश में पर्याप्त जलापूर्ति के लिए गतिशील है। इसके अतिरिक्त अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 2.24 लाख करोड़ रुपये के एमओयू किए गए हैं जो धीरे-धीरे धरातल पर उतर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार पर्यटन और खनन क्षेत्र को भी बढ़ावा दे रही है। राज्य में नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए नए स्थान चिन्हित किए गए हैं। जिनका विकास किया जा रहा है। शर्मा ने कहा कि किशनगढ़, झालावाड़, सिरोही और सीकर जैसे स्थानों पर हवाई सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।

शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार निवेशकों के लिए अनुकूल नीतियां बनाने सहित उनको हरसंभव मदद दे रही है। क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है। यहां सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, पर्यटन, कृषि एवं ऑटोमोबाइल सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। इन क्षेत्रों में निवेश राजस्थान के विकास को गति देगा और हमारे राज्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा। राइजिंग राजस्थान समिट के माध्यम से राज्य सरकार राजस्थान को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय निवेश के लिए भी एक आकर्षक राज्य बनाना चाहती है। मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों से आह्वान किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में कार्यरत प्रवासी राजस्थानी उद्यमियों, उद्योगपतियों और निवेशकों को राजस्थान में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करें। शर्मा ने कहा कि राइजिंग राजस्थान समिट के दौरान राज्य सरकार ने 10 दिसंबर को प्रवासी राजस्थानियों के लिए राजस्थानी कॉन्क्लेव आयोजित किया है। उनके साथ ही विभिन्न राज्यों में पदस्थापित राजस्थानी मूल के प्रशासनिक अधिकारी भी इसमें शामिल होकर अपने अमूल्य सुझाव दें। उन्होंने कहा कि अधिकारियों का अनुभव राजस्थान को निवेश के एक प्रमुख केंद्र में बदलने में अहम भूमिका निभाएगा। साथ ही, उन्होंने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सभी अधिकारियों से सुझाव भी मांगे।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र कैडर के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व राजेश कुमार, बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीना, पश्चिम बंगाल कैडर के पंचायतीराज सचिव विवेक भारद्वाज, गुजरात कैडर की अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि अंजू शर्मा, उत्तर प्रदेश कैडर के प्रमुख शासन सचिव बागवानी एवं रेशम बाबू लाल मीना, केरल कैडर के अतिरिक्त मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ. देवेन्द्र डोडावत, महाराष्ट्र कैडर के राज्य विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक लोकेश चंद्र, तमिलनाडु कैडर के चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट अध्यक्ष सुनील पालीवाल, उत्तर प्रदेश कैडर के प्रमुख शासन सचिव पिछडा वर्ग कल्याण सुभाष चंद्र शर्मा, पंजाब कैडर के प्रमुख शासन सचिव मुद्रण और स्टेशनरी वीरेन्द्र कुमार मीना, तमिलनाडु कैडर के प्रमुख शासन सचिव नागरिक आपूर्ति डॉ. हर सहाय मीना, गुजरात कैडर के प्रमुख शासन सचिव स्वास्थ्य और परिवार कल्याण धनंजय द्विवेदी, महाराष्ट्र कैडर के प्रमुख शासन सचिव वित्त (व्यय) सौरभ विजय से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।

अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अपने-अपने राज्यों में निवेश के लिए किए जा रहे नवाचारों की जानकारी देते हुए कई रचनात्मक सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार की उद्योग अनुकूल नीतियों और सौर एवं पवन ऊर्जा तथा खनिज क्षेत्र में अपार संभावनाओं को देखते हुए निवेशक आकर्षिक हो रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने उद्योगों के लिए स्थाई जल प्रबंधन सौर ऊर्जा को बढ़ावा, कृषि का आधुनिकीकरण करने, नवीन औद्योगिक नीतियों को जल्द लागू करने, सिंगल विंडो सिस्टम का सुदृढीकरण करने, श्रीअन्न को प्रोत्साहित करने, एवं पर्यटन एवं शिक्षा को मुख्य विकास क्षेत्रों के रूप में बढ़ावा देने के साथ ही धार्मिक स्थलों को पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करने के सुझाव दिए।

वीसी में भारत सरकार के इस्पात सचिव संदीप पोंड्रिक, जल शक्ति और पेयजल सचिव, भारत सरकार अशोक कालूराम मीना, उत्तर प्रदेश कैडर की प्रमुख शासन सचिव गन्ना उद्योग वीणा कुमारी मीना, असम-मेघालय कैडर के अतिरिक्त मुख्य सचिव खनन संजय लोहिया भी जुड़े। बैठक में मुख्यमंत्री निवास से मुख्य सचिव सुधांश पंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय शिखर अग्रवाल, प्रमुख शासन सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय आलोक गुप्ता, आयुक्त उद्योग एवं वाणिज्य रोहित गुप्ता, रीको प्रबंध निदेशक इंद्रजीत सिंह, विशिष्ट शासन सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय संदेश नायक उपस्थित रहे।

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