जयपुर : जगतपुरा में स्थित श्रीकृष्ण बलराम मंदिर में भगवान श्री कृष्ण की सबसे प्रिय लीलाओं में से एक गोवर्धन लीला के उपलक्ष्य में गोवर्धन पूजा आयोजित की जाती है। इस बार मंदिर प्रागंण में गोवर्धन पूजा ऐतिहासिक होगी। इस अनोखे और भव्य उत्सव का आगाज 14 नवंबर को होगा।
गोवर्धन उत्सव के लिए खास तौर से उत्तर प्रदेश के गोवर्धन से मिट्टी मंगाई गई है। जिससे भव्य गोवर्धन पर्वत बनाया जा रहा है। इस उत्सव पर भगवान की विशेष पूजा -अर्चना होगी और छप्पन भोग की झांकी सजाई जाएगी। इसी के साथ पालकी उत्सव भी मनाया जाएगा। गोवर्धन पूजा के पश्चात अन्नकूट प्रसादी का भोग लगाया जाएगा। जिसके बाद महाप्रसादी में बड़ी संख्या में लोग अन्नकूट का प्रसाद ग्रहण करें।
श्रीकृष्ण बलराम मंदिर के अध्यक्ष अमितासन दास ने बताया कि जिस प्रकार राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने से पहले अयोध्या जी से जगह-जगह राम ज्योति छोटी काशी के प्रमुख मंदिरों तक लाई गई है। इस तरह श्रीकृष्ण बलराम मंदिर में गोवर्धन पूजा उत्सव के लिए गोवर्धन का निर्माण करने में पवित्र गोवर्धन धाम की मिट्टी का उपयोग किया गया है। मंदिर के अध्यक्ष अमितासन दास ,उपाध्यक्ष आनंद शेष दास ,राधा प्रिया सहित अन्य कृष्ण भक्त गोवर्धन पर्वत की पूजा-अर्चना करेंगे।
मंदिर प्रागंण में भगवान श्रीकृष्ण और बलराम जी को सजी-धजी पालकी में कृष्ण भक्त हरिनाम संकीर्तन करते हुए और हरे कृष्ण महामंत्र का जाप करते हुए मुख्य मंदिर से नीचे उतारकर वृंदावन गार्डन में लेकर जाएंगे इस उत्सव में शंखो मृदंग और अन्य मधुर वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनियां आकर्षण का केंद्र होगी।
गोवर्धन पूजा के बाद नए भवन के वृंदावन गार्डन में गो पूजा का आयोजन भी किया जाएगा। देश और राज्य की खुशहाली की कामना और श्री कृष्ण और श्रील प्रभपाद भक्ति मार्ग पर चलने की कामना की जाएगी। जिसके बाद भगवान श्रीकृष्ण को लजीज 56 भोग अर्पित किए जाएंगे और हजारों लोग दीप जलाकर दीपदान करेंगे। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण को अन्नकूट का प्रसाद अर्पित किया जाएगा।जिसके बाद हजारों लोग भगवान को अर्पित किए गए अन्नकूट प्रसादी का प्रसाद ग्रहण करेंगे।