जयपुर : देवशयनी एकादशी पर उनतीस जून को देव सो जाएंगे। ऐसे में मांगलिक कार्यों पर फिर से विराम लग जाएगा। देवउठनी एकादशी पर 23 नवंबर को फिर से मांगलिक कार्य शुरू होंगे। देवशयनी एकादशी से पहले अब सिर्फ दो ही दिन अबूझ सावे है। सत्ताइस जून को भड़ल्या नवमी और उनतीस जून को देवशयनी एकादशी का अबूझ सावा है। ऐसे में इन दो दिन शहर में खूब शादियां होगी। बड़ा सावा सत्ताइस जून को भड़ल्या नवमीं का है, इस दिन राजधानी में ही एक हजार से अधिक शादियां है, जबकि राजस्थान में 25 हजार से अधिक शादियां हो रही है।
ऑल वेडिंग इंडस्ट्रीज फेडरेशन राजस्थान के महामंत्री भवानी शंकर माली ने बताया कि देवशयनी एकादशी से पहले दो दिन ही विवाह मुहूर्त होने से भड़ल्या नवमी पर प्रदेश में 25 हजार से अधिक शादियां हो रही है। इस दिन जयपुर में एक हजार से अधिक शादियां हो रही है। इसे लेकर विवाह स्थल और होटल-रिसोर्ट्स आदि बुक हो चुके है। बरसाती सीजन को देखते हुए विवाह स्थलों पर वाटर प्रुफ पांडाल तैयार किए जा रहे है। विवाह स्थलों में अधिकतर बेंक्वेट हॉल वाले विवाह स्थल बुक है। शहर में 850 से अधिक बेंक्वेट हॉल वाले विवाह स्थल बुक है।