जयपुर : मानसरोवर थाना इलाके में गंभीर बीमारी को ठीक करने के नाम पर एक रिटायर्ड अधिकारी से उन्तीस लाख रुपए ठगने का मामला सामने आया है। पुलिस जानकारी में सामने आया है कि पार्किंसन बीमारी के इलाज का दावा कर डॉक्टर बनकर दो बदमाश घर आए थे। जो शरीर की नसों में फैले मवाद को निकालकर स्वस्थ्य करने का झांसा दिया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच में जुटी है।
जांच अधिकारी हेड कांस्टेबल अशोक कुमार ने बताया कि मानसरोवर के रहने वाले 63 वर्षीय रिटायर्ड अफसर ने मामला दर्ज करवाया कि वह पिछले काफी समय से पार्किंन्सन नामक बीमारी से ग्रस्त है और कुछ समय पहले थाना इलाके में सिथत मध्यम मार्ग पर वह मॉर्निंग वॉक कर रहे थे। इस दौरान आशीष अग्रवाल नाम का लड़का आया। उसने कहा कि वह मुहाना मंडी रोड पर रहता है। उसने खुद को सीए का स्टूडेंट बताया। उसने पूछा कि आप पार्किंन्सन बीमारी से परेशान हैं क्या? इसके बाद उसने कहा कि उसके पिताजी को भी पार्किंसन की बीमारी थी। मुंबई के डॉक्टर समीर से इलाज करवाने पर बीमारी ठीक हो जाएगी। आशीष ने उनको इलाज के लिए डॉक्टर समीर का मोबाइल नंबर देकर कॉन्टैक्ट करने को कहा। ये आपको 100 प्रतिशत ठीक कर देंगे। डॉ. समीर से सम्पर्क करने पर उन्होंने घर पर विजिट करने के लिए कहा। उनकी बीमारियों के बारे में जानकारी लेने के साथ परिवार सदस्यों के बारे में पूछा। पत्नी के घर नहीं होने की बताने पर उन्होंने कहा कि पत्नी की मौजूदगी में ही वह उनका इलाज करेंगे। इसके बाद डॉक्टर समीर अपने सहायक राजू के साथ घर पर आए। हाथ-पैर और पीठ पर ऑर्थो तेल की मालिश की। शरीर की जांच कर बाएं हाथ की नस में सुई चुभाकर एक स्टील की कुपी में खून की बूंद निकाली और फिर एक कागज पर रखी। उन्होंने नसों में मवाद की वजह से यह बीमारी फैलने की बताई और कहा कि पूरी बॉडी से इसी प्रकार मवाद खींचकर निकालना पड़ेगा। इसका खर्च छह हजार रुपए प्रति बूंद आएगा। डॉ. समीर ने 118 खराब खून की बूंदें निकालकर 7 लाख 8 हजार का खर्च होना बताया। उन्होंने बैंक से 3 लाख रुपए निकालकर डॉक्टर समीर के सहायक को दिए। इसके बाद डॉ.समीर ने 371 खराब खून की बूंदें निकाली। यह बूंदें बाएं हाथ, बाएं कंधे, बाएं पैर और दाएं पैर से निकाली गई। जिसका कुल खर्च 22.26 लाख रुपए होना बताया। इस तरह से कुल 29.34 लाख का बिल बना दिया। इस दौरान उन्होंने दाएं पैर और दाएं कंधे का बकाया इलाज बिना फीस के करने की बात कही और पेमेंट करने के लिए कहा। इस पर उन्होंने 29.34 लाख का पेमेंट कर दिया। पेमेंट लेने के बाद वह चले गए और दोबारा नहीं लौटे। इस पर उन्होंने फोन से सम्पर्क करने की कोशिश की तो मोबाइल नंबर स्विच ऑफ आया। इस पर उनको धोखे का एहसास हुआ तो थाने पहुंच कर मामला दर्ज करवाया।