जगदलपुर: (Jagdalpur) बस्तर जिले के शहर की सीमा के नजदीक तोकापाल ब्लॉक के ग्राम सोसनपाल में हर चौथे घर में डायरिया का एक मरीज मिलने से हडक़ंप मच गया, आज सोमवार तक ग्राम सोसनपाल में कुल 24 लोग डायरिया से पीड़ित मिले हैं।गांव में डायरिया फैलने से बड़ी संख्या में डायरिया पीड़ित मरीजों के मिलने की वजह की पड़ताल में पता चला कि पूरे गांव में जिस ट्रांसफॉर्मर से बिजली की सप्लाई होती थी, वह कुछ दिनों से खराब हो गया था, जिससे बिजली की आपूर्ति नहीं होने से नल-जल योजना के तहत लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा था, वहीं गांव के गोठान में सौर ऊर्जा से चलने वाला बोर लगा हुआ है। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग पानी की आपूर्ति के लिए गोठान जाने लगे।
गोठान में जिस स्थान पर जानवरों के पीने के लिए पानी की टंकी बनाई गई है, उसके नल से ही गांव के लोग भी पानी भरकर इसका उपयोग कर रहे थे। माना जा रहा है कि इसी टंकी के दूषित पानी से लोगों में डायरिया की बीमारी फैली। लोगों के बीमार होने के बाद टंकी के पास की गंदगी को साफ कर दिया है और ब्लीचिंग पाउडर का भी छिड़काव किया गया है।
गांव के लोगों ने बताया कि बिजली गुल होने के बाद इसे बनाने बिजली विभाग के लोगों को कई बार फोन किया गया, लेकिन किसी ने ध्यान ही नहीं दिया। बिजली गुल थी और गांव में पानी की वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं थी। ऐसे में लोग मजबूरी में गोठान का पानी पी रहे थे। डायरिया का पहला मरीज तीन दिन पहले तोकापाल सीएचसी पहुंचा था। तब नहीं पता था कि पूरा गांव ही इसकी चपेट में आ जाएगा। डायरिया के पहले मरीज के पहुंचने के बाद इसे सामान्य तौर पर लिया गया, लेकिन पिछले तीन दिनों में एक-एक कर यहां के लोग डायरिया की चपेट में आने लगे। नौ लोगों के एक साथ डायरिया की चपेट में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और एक टीम गांव पहुंची।
गांव पहुंचते ही सबसे पहले डायरिया से पीड़ित 09 मरीजों को इलाज के लिए मेंकॉज में भर्ती करवाया गया। इसके बाद तीन टीमें बनाकर गांव में सर्वे की शुरुआत की गई और पंचायत भवन में मेडिकल कैंप लगाया गया। करीब दो घंटे में ही अन्य 15 डायरिया पीड़ितों को सर्वे टीम ने चिन्हित किया और सभी को दवाएं दी।मेडिकल टीम के सदस्यों का कहना है कि ग्राम सोसनपाल में जितने डायरिया के मरीज थे, उसकी पहचान कर लिया गया है। हम कोशिश कर रहे हैं कि अब इसके मरीज न बढ़ें और जो लोग इसकी चपेट में आए हैं, वे जल्द स्वस्थ हो जाएं। उन्होंने बताया कि गोठान के पानी से डायरिया फैलने का शक है। ऐसे में यहां के पानी के सैंपल को लैब में जांच के लिए भेज रहे हैं।मेकॉज अस्पताल अधीक्षक अनुरूप साहू ने बताया कि जिन मरीजों को मेकॉज अस्पताल लाया गया है, उनका इलाज शुरू कर दिया गया है और सभी की सेहत में तेजी से सुधार हो रहा है।