Islamabad : इस्लामाबाद में 32 दिन से बलोचों का धरना जारी

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इस्लामाबाद (Islamabad) : पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रांत (Pakistan’s Balochistan province) से लापता लोगों के परिजनों और बलोच यकजेहती समिति (Baloch Yakjehti Committee) (BYC) के सदस्यों का इस्लामाबाद में धरना शनिवार को 32वें दिन में प्रवेश कर गया। बलोचिस्तान (Balochistan) में जबरन गायब किए गए लोगों और बीवाईसी नेताओं को हिरासत में लेने की घटनाओं को दुनिया के सामने उजागर करने के मकसद से यह धरना आयोजित किया गया है।

प्रदर्शनकारी जबरन गुमशुदगी को रोकने, हिरासत में लिए गए बलोच नेताओं को तुरंत अदालत में पेश करने और नागरिक स्वतंत्रता के सम्मान की मांग कर रहे हैं। द बलोचिस्तान पोस्ट (Balochistan Post) के अनुसार, इस्लामाबाद प्रेस क्लब के बाहर शुक्रवार को बीवाईसी नेतृत्व (BYC leadership) के तत्वावधान में ‘गैरकानूनी हिरासत और जबरन गायब किए गए लोगों के परिवारों की शिकायतें’ शीर्षक से एक सेमिनार का आयोजन होना था। धरने पर बैठे लोगों का दावा है कि पुलिस ने सेमिनार से कुछ घंटे पहले ही धावा बोल दिया। महिलाओं और बच्चों के साथ धक्कामुक्की की और उन पर हमला करके भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की।

इन लोगों ने बताया कि पुलिस ने प्रेस क्लब परिसर (Press Club premises) में प्रवेश रोकने के लिए अवरोधक लगाए और महिला प्रदर्शनकारियों के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग किया। हिरासत में लिए गए बीवाईसी नेता महरंग बलूच की बहन नादिया बलूच (Nadia Baloch, sister of detained BYC leader Mehrang Baloch) ने पत्रकारों से कहा, ‘हम यहाँ अपना विरोध दर्ज कराने आए थे, लेकिन हमें अपना स्थान बदलने के लिए मजबूर किया गया। 14 अगस्त को हमारे लिए सड़कें खुली थीं, लेकिन 15 अगस्त को प्रेस क्लब जाने वाले सभी रास्ते फिर से बंद कर दिए गए। न केवल हमें रोका गया, बल्कि महिलाओं और बच्चों के साथ मारपीट और गाली-गलौज की गई।

प्रतिबंधों के बावजूद सेमिनार आयोजित किया गया। सेमिनार में मानवाधिकार कार्यकर्ता (Human rights activists) वकील, छात्र और लापता लोगों के परिवार के सदस्य शामिल हुए। वक्ताओं ने बलोचिस्तान में दमन, जबरन गुमशुदगी, न्यायेतर हिरासत और मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दों पर बात की। वक्ताओं ने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध संवैधानिक अधिकार है और इसे दबाने के लिए बल प्रयोग गैरकानूनी और मानवीय गरिमा का अपमान है।