igr newspoem हुई थी मदिरा मुझको प्राप्त By India Ground Report - August 26, 2021 0 136 FacebookTwitterPinterestWhatsApp हुई थी मदिरा मुझको प्राप्तनहीं, पर, थी वह भेंट, न दान,अमृत भी मुझको अस्वीकारअगर कुंठित हो मेरा मान; दृगों में मोती की निधि खोलचुकाया था मधुकण का मोल,हलाहल यदि आया है यदि पासहृदय का लोहू दूँगा तोल! हरिवंशराय बच्चन