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Hamirpur : सूरज की तपिश में नाले में तब्दील हुई यमुना और बेतवा नदियां

लिफ्ट केनालों का संचालन भी ठप

हमीरपुर : बुंदेलखंड में बढ़ते तापमान और सूरज की तपिश में अब नदियां नाले में तब्दील हो गई है। यहां हमीरपुर में ही यमुना और बेतवा नदियों की जलधाराएं भी विलुप्त हो गई है। जिससे तटवर्ती इलाकों के लोग पैदल ही नदियों से आर-पार हो रहे हैं। नदियों के नाले में तब्दील होने से ग्रामीण चिंता में हैं।

हमीरपुर जिला मुख्यालय नदियों से चारो ओर से घिरा है। इस जिले में यमुना, बेतवा और चन्द्रावल प्रमुख नदियां है। इन नदियों में यमुना नदी उत्तरी सीमा बनाते हुए 77 किमी लम्बी सीमा के ढाई सौ वर्ग किमी क्षेत्र को प्रभावित करती है। यह नदी जालौन की कालपी तहसील से हमीरपुर तहसील के मनकीकला, मनकीखुर्द, उमराहट, बरुआ, बिलौटा, भौली, भटपुरा, जलाला, बचरौली, भिलावां, मेरापुर समेत तमाम गांवों होते हुए बांदा में प्रवेश करती है। बारिश के मौसम में यमुना नदी की उफान से दर्जनों गांवों में भारी तबाही मचती है। इसी तरह झांसी से निकली बेतवा नदी जालौन होते हुए हमीरपुर शहर के दक्षिण दिशा में बहती है। इसके किनारे भी दर्जनों गांव बसे हैं जो बाढ़ की जद में हर साल आते हैं।

किसी जमाने में यह नदी गर्मी के मौसम में भी पानी से लबालब रहती थी। इसकी जलधारा कभी नहीं टूटी लेकिन अबकी बार बढ़ते तापमान में यह नदी इन दिनों नाले में तब्लील हो चली है। इस नदी का जलप्रवाह भी नहीं रहा। जलधाराएं भी विलुप्त हो गई है। जिसे देख स्थानीय लोग चिंतित है। केन्द्रीय जल आयोग के असिस्टेंट इंजीनियर संदीप सिंह का कहना है कि प्रचंड गर्मी का असर बेतवा और यमुना नदियों में पड़ा है। गर्मी के मौसम में थोड़ा बहुत जलस्तर कम जरूर होता है लेकिन इस बार तो दोनों नदियों का डिस्चार्ज पहले से बहुत घटा है। बताया कि दोनों नदियों से सिंचाई का पानी मुहैया कराने के लिए लिफ्ट केनालें लगी हैं जो जलस्तर घट जाने से संचालित नहीं हो पा रही है। अब बरसात के बाद जलस्तर बढ़ने पर स्थिति सामान्य हो सकेगी।

दशकों पूर्व गर्मी में भी दोनों नदियों की जलधारा का होता था प्रवाह

हमीरपुर शहर के उत्तरी दिशा में बहने वाली यमुना नदी दो दशक पहले बड़े क्षेत्रफल में थी। जिसका जल भी आचवन करने लायक था, लेकिन अब नहीं रहा। भीषण गर्मी में किसी जमाने में यह नदी पानी से लबालब रहती थी। इसकी जलधारा का प्रवाह तेज था। यहां के लोग सुबह-शाम यमुना नदी किनारे घूमने जाते थे। मगर अब तो पूरी नदी में जलधाराएं नहीं बची है। बीच-बीच में थोड़ा बहुत पानी जरूर देखने को मिल जाता है।

लगातार तापमान बढऩे से बेतवा नदी कई स्थानों पर नाले में तब्दील

पिछले माह से पड़ रही भीषण गर्मी के कारण यमुना नदी में पानी बहुत कम रह गया है। लगातार तापमान बढ़ने की वजह से यह नदी अब नाले की शक्ल ले चुकी है। कुरारा क्षेत्र से लेकर हमीरपुर के भिलावां तक पूरी नदी में जलप्रवाह भी अब नहीं रह गया है। निषाद लोगों ने नदी के बीच रेत में ही सब्जी की बारी लगा रखी है। इस नदी की दुर्दशा भी देखिए कि इसे कोई भी पैदल पार कर सकता है। सूरज की तपिश में कई किमी के दायरे में यमुना नाले में तब्दील हो गई है।

नाव से नदी पार होने वाले अब ग्रामीण बेतवा नदी से होते हैं आर-पार

हमीरपुर शहर के दक्षिण दिशा में बेतवा नदी बहती है। इस नदी के पास ही मौरंग की खदानें चलने के कारण अब नदी का स्वरूप ही बदल गया है। करीब बीस किमी के दायरे में यह नदी भी नाले में तब्दील हो चुकी है। हालत यह है कि तटवर्ती इलाकों के लोग अब नदी से पैदल ही आर-पार होते है। बेचवा नदी में कई स्थानों पर स्थापित लिफ्ट केनालें भी जलप्रवाह न होने के कारण ठप हो गई है। डिग्गी से लेकर सिटी फारेस्ट तक बेतवा नदी में जलधाराएं खत्म हो गई है।

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