गुवाहाटी : भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और राज्यसभा सदस्य रंजन गोगोई को मंगलवार को राज्य के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘असम वैभव’ से सम्मानित किया गया। समारोह में 21 अन्य लोगों को भी ‘असम सौरव’ और ‘असम गौरव’ से सम्मानित किया गया। समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी मौजूद रहे।
गुवाहाटी के श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में आयोजित समारोह में राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने न्याय और न्यायशास्त्र के क्षेत्र में योगदान के लिए पूर्व मुख्य न्यायाधीश और राज्यसभा सदस्य रंजन गोगोई को असम के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘असम वैभव’ से सम्मानित किया। इस पुरस्कार के तहत गोगोई को पांच लाख रुपये नकद और आजीवन चिकित्सा सेवा समेत अन्य सुविधाओं के साथ होलोंग पेड़ के पत्ते पर असमिया भाषा में उकेरी गई जापी और असम वैभव की छवि भी दी जाती है। इस समारोह में 21 अन्य प्रतिष्ठित लोगों को भी पुरुस्कृत किया गया। इनमें चार को ‘असम सौरभ’ और 17 को ‘असम गौरव’ से सम्मानित किया गया।
उल्लेखनीय है कि रंजन गोगोई पूर्वोत्तर भारत से देश के पहले मुख्य न्यायाधीश थे। मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनकी भूमिका अति विशिष्ट रही और उन्होंने वर्ष 2019 में अयोध्या के राम मंदिर को लेकर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था, जिसके बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। सेवानिवृत्ति के बाद रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए नामित किया गया था।
दरअसल, असम सरकार के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार का तीसरा संस्करण है। सबसे पहले उद्योगपति रतन टाटा और उसके बाद पत्रकार तपन सैकिया को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘असम वैभव’ से पुरुस्कृत किया गया था।