Guwahati (Assam) : उग्रवाद से इस वर्ष राज्य में किसी की जान नहीं गई: मुख्यमंत्री

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गुवाहाटी (असम) : मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने राज्य में उग्रवाद से इस वर्ष किसी की जान नहीं जाने पर खुशी जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए आज कहा कि शांति और समृद्धि के युग की इस शुरुआत के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों के प्रयास सराहनीय हैं।

मुख्यमंत्री ने 2023 के अंत तक राज्य से आफ्सपा को पूरी तरह से हटाने का अपनी सरकार का लक्ष्य व्यक्त किया है। यह प्रतिबद्धता पूर्व उग्रवादियों को मुख्यधारा के समाज में एकीकृत करने और राज्य में विकास को बढ़ावा देने की एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है।

वहीं, असम सरकार द्वारा जारी एक आंकड़े में उल्लेख किया गया है कि मुख्यमंत्री डॉ सरमा के कार्यकाल के दौरान विद्रोही समूहों के साथ चार शांति समझौतों पर सफलतापूर्वक हस्ताक्षर किए गए हैं। विशेष रूप से, 28 अप्रैल, 2023 को डिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी/डिमासा पीपुल्स सुप्रीम काउंसिल (डीएनएलए/डीपीएससी) के साथ एक त्रिपक्षीय शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे दिमा हसाउ जिले में उग्रवाद की समाप्ति और सभी आदिवासी समूहों का एकीकरण हुआ। भारत की विकासात्मक यह पूरी प्रक्रिया केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में हुआ। यह ऐतिहासिक समझौता असम में सशस्त्र आदिवासी उग्रवाद के अंत का प्रतीक है।

शांति पहल के कारण पिछले दो वर्षों में लगभग आठ हजार 756 पूर्व-कैडरों का पुनर्वास हुआ है, जिसमें पुनर्वास कार्यक्रमों में 300 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ है। ये कार्यक्रम स्थायी आजीविका प्रदान करने और पूर्व उग्रवादियों को नागरिक जीवन में शामिल करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि वे समाज में सकारात्मक योगदान दें।

इसके अलावा, राज्य में उग्रवादी हिंसा के कारण इस वर्ष किसी की मौत नहीं होने को मील का पत्थर माना जाता है, जो उग्रवाद से निपटने के लिए सरकार के दृष्टिकोण की सफलता को उजागर करता है। राज्य में इस प्रकार से शांति स्थापित होने से राज्य के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।