गाजियाबाद : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में धोखाधड़ी एवं जालसाजी कर खाली पड़ी सेना की भूमि को बेचे जाने के मामले में एक महिला को गिरफ्तार किया गया है। इस भूमि की कीमत करोड़ों में है और आरोपित महिला को 47 लाख रुपये मिले थे। गाजियाबाद के पुलिस उपायुक्त निपुण अग्रवाल ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अग्रवाल ने पत्रकारों को बताया कि सदर तहसील के उप निबंधक पंचम नवीन राय ने थाना सिहानीगेट में प्रार्थना पत्र दिया था। इसमें कहा गया है कि समीर मलिक निवासी हबीब कालोनी जस्सीपुरा, मजीद निवासी ग्राम अर्थला मोहन नगर, ओमपाल निवासी प्रताप बिहार, नीरज गर्ग सिविल कोर्ट गाज़ियाबाद ने धोखाधड़ी कर ग्राम मिर्जापुर में खसरा- 529 की भूमि को साढे़ 10 करोड रुपये में फर्जी रूप से बैनामा दिया। इस संबंध में थाना सिहानीगेट में अभियोग दर्ज किया गया। विवेचना के दौरान मुख्य आरोपित मजीद को गिरफ्तार कर लिया गया था।
उन्होंने बताया कि आज उक्त भूमि को धोखाधड़ी से अपने नाम कराने के लिए प्रवीन बेगम ने वर्ष 2016 व 2019 में एसडीएम को संबोधित दो प्रार्थना पत्र दिए थे तथा ज़मीन अपने नाम न होने पर अजयवीर सिंह के साथ मिलकर ज़मीन को विक्रय करने की योजना बनायी। चूंकि खसरा- 529 के जो अभिलेख अभियुक्ता के पास थे उसमे भूमि वर्ष 1931 मे इस्लामिया वक्फ की दर्शायी गयी थी। इसके आधार पर बिक्री नहीं हो सकती थी। इसलिए योजना के तहत मजीद नाम के व्यक्ति को अपने साथ मिलाकर उसके नाम फर्जी रूप से पट्टा दर्शाया गया और उसी पट्टे के आधार पर और एसडीएम को दिये गये प्रार्थना पत्रों को आधार बनाकर अजयवीर के साथ मिलकर खसरा- 529 को विक्रय कर दिया गया। खसरा- 529 के स्थान पर सेना की भूमि को अवैध रूप से कब्जा कर उसको बिल्डरों को ऊंचे दाम पर बेचकर सभी ने आर्थिक लाभ कमाने की योजना बनायी।
पुलिस उपायुक्त अग्रवाल ने बताया कि भूमि विक्रय की धनराशि के लिए जो संयुक्त खाता अजयवीर व माजिद का खोला गया था उससे 47 लाख रुपये प्रवीन बेगंम ने लाभ के रूप मे प्राप्त किया। अभियुक्ता प्रवीन बेगम निवासी फिरदौस बिल्डिंग रमते राम रोड थाना कोतवाली नगर गाज़ियाबाद को मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार किया गया।