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Ghaziabad : इंटीरियर डिजायनर तरुण हत्या कांड का खुलासा, महिला समेत तीन गिरफ्तार

गाजियाबाद : स्वाट टीम नगर जोन व थाना नन्दग्राम पुलिस टीम ने तरुण पंवार अपहरण हत्याकांड का खुलासा कर दिया है। पुलिस ने तरुण की नृशंस हत्या करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से हत्या में इस्तेमाल फावडा व एक दरांती,व दो गद्दा, व मृतक की कार व घटना में इस्तेमाल कार बरामद की गई है ।

डीसीपी सिटी राजेश कुमार ने बताया कि अमन स्वामी निवासी सृष्टि राजनगर एक्सटेंशन ने सूचना दी कि मेरा साला तरुण पवांर की शाम से घर से मोरटी गांव काम से जाने के लिए बता कर निकला था, तब से ही उसका फोन स्विच ऑफ है। सूचना पर पुलिस ने उसकी गुमशुदगी दर्ज कर तलाश शुरू कर दी।

शनिवार को इस मामले में दो युवक व एक महिला को गिरफ्तार किया गया है। जिनकी निशादेही पर अपहर्त तरुण पंवार के शरीर का टुकडा (दाहिना पैर घुटने से नीचे की) को जिला बुलन्दशहर रामगढ झाल के पास गंग नहर से बरामद किया गया।

आरोपियों में पवन ,वंश निवासी ग्राम खरकाली थाना बीबीनगर जिला बुलन्दशहर तथा अंजली पत्नी वैभव निवासी ओरा कायमेरा सोसायटी राजनगर एक्सटेंशन थाना नन्दग्राम शामिल हैं। जबकि छह आरोपी फरार है। फरार आरोपियों में दीपांशु निवासी ग्राम चित्तसौना थाना बीबीनगर जिला बुलन्दशहर,अक्षय निवासी इन्द्रापुरी थाना लोनी,जीते निवासी शेहरा,अंकुर निवासी ग्राम खरकाली थाना बीबीनगर बुलन्दशहर,मनोज तथा अंकित निवासी ग्राम धुमहैडा थाना बीबीनगर जिला बुलन्दशहर हैं।

पूछताछ में आरोपी पवन व वंश ने बताया कि हमने तरुण पवाँर की हत्या करने की योजना बनायी थी। दीपांशु व अंकित के मकान मालिक मनोज भी हमारी योजना में शामिल थे। तरुण पवाँर इंटीरियर डिजाइनिंग का काम करता था तथा अंजली जिसका अपने पति से छूटछुटाव हो गया है जो अक्षय की साली है। तरुण पवाँर की अंजली के साथ नजदीकी थी जिसकी अंजली ने अपने बहनोई अक्षय व मुजे (पवन) से शिकायत की थी । अंजली के अपने बहनोई अक्षय से अवैध सम्बन्ध थे, अंजली को मैं (पवन) भी चाहता था। 16अगस्त को योजनाबद्ध तरीके से दीपांशु उपरोक्त ने तरून पवाँर को फोन कर घर में इन्टीरियर डिजाइन का काम करने के बहाने से मोरटा में अपने किराये के मकान में बुलाया था जहाँ तरुण पवाँर के आने पर हम लोगों ने उसे अन्दर कमरे में बैठा लिया और हत्या कर दी। उसके पश्चात ,यशोदा हास्पीटल नेहरूनगर की पार्किंग में खडी कर आटो से वापस मोरटा में कमरे पर आ गये थे। उसके बाद हम चारों लोग उसी कमरे पर रात्रि के 12.00 बजे के बाद तरून पवाँर के शव को अंकित की मोटर साईकिल डिस्कवर पर बीच में रख लिया था। मोटरसाइकिल डिस्कवर को मैंने(पवन) चलाया था तथा तरुण पवाँर को पकडे पीछे दीपांशु बैठा था। फिर करीब 200 – 250 मीटर दूर जहाँ हमारी गाडी वैगनार में पीछे की सीट पर डाल दिया था। हम हमारे गांव के पास स्थित शेहरा वाली नहर में हम चारों ने मिलकर साक्ष्य छुपाने के उद्देश्य से मृतक के शरीर के तीन टुकडे करके नहर मे अलग-अलग जगह फेंक दिये थे । उसके बाद सभी अलग-अलग भाग गये थे ।

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