180 किमी प्रति घंटे की गति से यात्रा के लिए डिज़ाइन ट्रैक की विशेषताओं का अवलोकन भी किया
गाजियाबाद: (Ghaziabad) डिजिटल संचार आयोग के अध्यक्ष के.राजारमन ने रविवार की रैपिडएक्स का दौरा किया। श्री राजारमन ने एलटीई (लॉन्ग टर्म एवोल्यूशन) नेटवर्क पर ईटीसीएस एल-2 सिग्नलिंग के सफल कार्यान्वयन पर एनसीआरटीसी टीम की सराहना की।यात्रा के दौरान के. राजारमन ने अत्याधुनिक रैपिडएक्स ट्रेनसेट और 180 किमी प्रति घंटे की गति से यात्रा करने के लिए डिज़ाइन किए गए ट्रैक की विशेषताओं का अवलोकन किया। उन्होंने सिग्नलिंग और ट्रेन नियंत्रण प्रणाली को भी देखा।
उन्होंने 150 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति से चलने वाली ट्रेन में मिशन क्रिटिकल वॉयस कम्युनिकेशन और वीडियो एप्लिकेशन का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त किया।एनसीआरटीसी के प्रवक्ता पुनीत वत्स ने बताया कि भारत के पहले कैप्टिव गैर-सार्वजनिक नेटवर्क (सीएनपी एन) लाइसेंस धारक के रूप में, एनसीआरटीसी ने सिग्नलिंग और ट्रेन कंट्रोल और मिशन क्रिटिकल वॉयस कम्यूनिकेशन और वीडियो एप्लिकेशन के लिए 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में एलटीईसंचार बैकबोन को लागू करके संचार प्रौद्योगिकी में एक नया मानदंड स्थापित किया है।
उन्होंने बताया कि रैपिडएक्स कॉरिडोर लॉन्ग-टर्म इवोल्यूशन (एलटीई) रेडियो पर हाइब्रिड एल3 के साथ ईटीसीएस के संयोजन को लागू करने वाली दुनिया की पहली रेल-आधारित प्रणाली है। साथ ही, प्लेटफार्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) और स्वचालित ट्रेन संचालन (एटीओ) भी इस प्रणाली के अंतर्गत लगाए जा रहे हैं। इससे रैपिडएक्स में उच्च सुरक्षा और लाइन क्षमता सुनिश्चित होगी।एलटीई तकनीक आधारित ईटीसीएस2 सिग्नल्लिंग रैपिडएक्स कॉरिडोर को इंटरऑपरेबल बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। यह आरआरटीएस ट्रेनों को एक कॉरिडोर से दूसरे कॉरिडोर में निर्बाध रूप से स्थानांतरित करने की सुविधा देगा और यात्रियों को फेस-I के सभी कॉरिडोर में ट्रेनों को बदलने की परेशानी के बिना आराम से यात्रा करने की सुविधा प्रदान करेगा।
उन्होंने बताया कि इंटरऑपरेबिलिटी न केवल यात्रियों की सुविधा को सुनिश्चित करती है, बल्कि आरएपीआईडीएक्स सिस्टम को किसी खास वेंडर से मुक्त भी बनाती है, जिससे भविष्य के रैपिडएक्स कॉरिडोर के कार्यान्वयन में लागत की बचत होगी।इस दौरान श्री राजारमन के साथ सदस्य प्रौद्योगिकी संजीव अग्रवाल, सदस्य (वित्त)मनीष सिन्हा तथा एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह मौजूद रहे।