Gangtok / New Delhi : सड़क संपर्क बहाल करने के लिए सेना के त्रि-शक्ति कोर ने शुरू किया अभियान

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गंगटोक / नई दिल्ली : भारतीय सेना की त्रि-शक्ति कोर के जवानों ने उत्तरी सिक्किम में सड़क संपर्क बहाल करने के उद्देश्य से एक अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत सिक्किम में आई प्राकृतिक आपदा के कारण ध्वस्त व क्षतिग्रस्त हुए पुलों और सड़कों काे दुरुस्त किया जाएगा। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के महानिदेशक और भारतीय सेना के वरिष्ठ अभियंताओं ने इसके लिए प्रारंभिक सर्वेक्षण और अनुमानित खर्च का विवरण सहित रिपोर्ट तैयार कर ली है।

उल्लेखनीय है कि 3 अक्टूबर की रात्रि में बादल फटने और तीस्ता नदी में आई बाढ़ से सिक्किम में भारी तबाही हुई। सड़कों के साथ सिक्किम के 14 पुल टूट चुके हैं। बिजली और इंटरनेट सेवाएं बाधित हो गई थीं। पर्यटकों सहित हजारों लोग जहां तहां फंस गए थे। प्रारंभिक राहत और बचाव कार्य के बाद अब सभी स्थानों से संपर्क बहाल करना सबसे अधिक जरूरी हो गया था। इसके लिए सेना के त्रि-शक्ति कोर ने अभियान शुरू किया है, जिसमें सैनिकों को सीमा सड़क संगठन (बीआरओ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों सहित कई संस्थाओं से सहायता मिल रही है।

स्थानीय प्रतिनिधि के अनुसार त्रिशक्ति कोर के जवानों ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और स्थानीय निवासियों के सहयोग से चुंगथांग को पेगोंग से जोड़ने के लिए लाचेन चू नदी पर एक लंबे पुल का निर्माण किया गया है। इससे पहले भारतीय सेना के जवानों ने चुंगथांग के उत्तर-पश्चिम में स्थित रबोम के सुदुर गांव तक पहुंचने के लिए चुनौतीपूर्ण इलाके में एक अभियान शुरू किया। रविवार की रात को सफलतापूर्वक रबोम गांव पहुंच गए। यहां फंसे 150-200 नागरिकों को सहायता मिल सकी।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार सोमवार को चाटेन और चुंगथांग दोनों तरफ से भेजी गई टीमों ने प्रतिकूल मौसम की स्थिति के बावजूद ऊबड़-खाबड़ इलाकों में एक चुनौतीपूर्ण अभियान पूरा किया। अब उत्तरी सिक्किम के चाटेन, लाचेन, लाचुंग और थांगु क्षेत्रों में सभी पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को राहत और सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का अभियान तेज कर दिया है। सभी के लिए भोजन, चिकित्सा देखभाल, आवास और टेलीफोन पहुंच के रूप में सहायता प्रदान की जा रही है। जो पर्यटक अभी भी सिक्किम में फंसे हैं, उन्हें दूरसंचार से अपने रिश्तेदारों तक संपर्क के लिए भी त्रिशक्ति कोर ने व्यवस्था की है।