Ahmedabad : पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का डीएनए मैच, राजकोट में सोमवार को होगा अंतिम संस्कार

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अहमदाबाद : (Ahmedabad) एयर इंडिया विमान हादसे में जान गंवाने वाले गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के शव (The body of former Gujarat Chief Minister Vijay Rupani) की पहचान हो गई है। रविवार को उनका डीएनए मैच हो गया। राजकोट में सोमवार दोपहर 3 बजे पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

इस हादसे में मृतकों के शव इतने क्षत-विक्षत थे कि उन्हें पहचानना मुश्किल था। इसलिए मृतकों और उनके परिजनों के डीएनए सैंपल के जरिये शवों की पहचान करने का फैसला लिया गया था। इसी क्रम में विजय रूपाणी के बेटे ने कल अस्पताल आकर डीएनए सैंपल दिया था। अब पूर्व सीएम के शव की पहचान होने के बाद पार्थिव शरीर उनके परिवार को सौंपा जाएगा, जिसके बाद राजकोट में राजकीय सम्मान के साथ विजय रूपाणी का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

भाजपा विधायक रीता पटेल (BJP MLA Rita Patel) ने कहा कि हमारे पूर्व सीएम का डीएनए टेस्ट हो चुका है और अब सकारात्मक परिणाम सामने आया है। अब उनके पार्थिव शरीर को राजकोट में उनके परिवार के पास ले जाया जाएगा। इसके बाद उत्तर गुजरात और मध्य गुजरात के निवासियों को उनके प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। अहमदाबाद सिविल अस्पताल से पार्थिव शरीर परिवार को सौंप दिया जाएगा। वहां से उन्हें हेलीकॉप्टर के जरिए राजकोट ले जाया जाएगा।

अहमदाबाद से लंदन जाने वाला एयर इंडिया का विमान गुरुवार को मेघानीनगर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। उस दौरान पायलट और क्रू मेंबर्स के साथ फ्लाइट में कुल 242 लोग मौजूद थे, जिनमें से एक विजय रुपाणी भी थे। वह अपनी बेटी से मिलने लंदन जा रहे थे। प्लेन क्रैश में मरने वालों का आंकड़ा 275 पहुंच गया है। आज सुबह तक 248 शवों के डीएनए सैंपल लिए गए। इनमें से 31 की शिनाख्त हो गई है और 20 शव परिजन को सौंपे गए हैं। उनके डेथ सर्टिफिकेट (death certificates) भी उपलब्ध कराए गए।

एम्बुलेंस के जरिए सिक्योरिटी के साथ शवों को उनके गृहनगर पहुंचाया जा रहा है। इसके लिए 230 टीमें बनाई गई हैं, जो मृतकों के परिजनों के सीधे संपर्क में हैं। 192 एम्बुलेंस और वाहन स्टैंडबाय पर हैं। हादसे में जान गंवाने वाले विदेशी नागरिकों में से 11 के परिजन आज अहमदाबाद पहुंच सकते हैं। शवों को रखने के लिए 170 ताबूत बनाने का ऑर्डर दिया गया है। इनमें से करीब 100 ताबूत वडोदरा से अहमदाबाद लाए गए हैं। बाकी के ताबूत बनाने का काम जारी है।