मुख्य चौपाल पर गत संध्या काल में दी प्रस्तुति
फरीदाबाद : अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड क्राफ्ट्स मेला में गत संध्या काल में ख्याति प्राप्त सूफी गायक एवं पंजाबी सिनेमा के अभिनेता विक्रम सिरोहीवाल ने अपने मंत्र मुग्ध करने वाले अंदाज में सूफी कलाम गाकर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। अपनी मधुर आवाज में उन्होंने सबसे पहले “अल्लाह हू अल्लाह हू कलाम” से सूफी गायकी की परंपरा का निर्वहन किया और श्रोताओं को सूफी संगीत की सुखद अनुभूति से परिचित कराया।
सूफी कलाकार विक्रम ने एक के बाद एक सूफी कलाम दर्शकों की नजर करते हुए मनोरंजन और ज्ञान का खजाना सांझा किया और सूफी नगमों में ईश्वर की इबादत, संगीत की महिमा तथा भक्त और भगवान के संबंधों को संगीतमय सफर की मीठी मीठी तान के जरिए प्रस्तुत किया। उनकी सूफी रचना “मेरा पिया घर आया ओ लाल नि” ने मानो लय ताल स्वर की हदों की इस कद्र बानगी दी कि संगीत की खुशबू के तमाम रंग से दर्शक झूम उठे। सूफी गायक विक्रम ने सूफी कलाम के तीसरे पायदान पर “आप बैठे हैं बलिन पर मेरी” नगमे को बहुत दिलचस्प एवम खूबसूरत तरीके से पेश किया, जिसने दर्शकों को भाव विभोर कर दिया और उन्हें कल्पना लोक में जाने का एहसास दिलवाया। इधर विक्रम ने अपने चौथे नगमे कली “कली जुल्फो के फंदे ना डालो” में बेमिसाल सूफी संगीत की ऊंचाइयों को इस कदर छुआ कि उनकी मीठी रेशम सी आवाज बुलंदियों को रह रह कर स्पर्श कर रही थी और दर्शकों के मन आत्मा में उतर रही थी।
विक्रम ने सूफियाना कलाम की अंतिम पेशकश आजा तेनु अखिया उड़इक दिया से मानो धूम मचा दी और दर्शकों को भावविभोर कर दिया। करीब एक घंटा चले इस रोचक प्रोग्राम में सूफी के हर रंग को विक्रम ने सुरो में सहजता और तरलता से पिरोया कि लोग अवाक रह गए। आलम ये था कि खचाखच भरे पंडाल में विक्रम ने अपनी सुरीली दमदार सूफियाना पेशकश से श्रोताओ को अपना मुरीद बना लिया। इस सूफी प्रोग्राम में की बोर्ड पर राज कमल, तबला पर शुभम, ड्रम्स पर दुष्यंत और बांसुरी पर कृष्ण प्रसन्ना, कोरस में जगदीश, सोन्नी दरपाल और जसप्रीत ने संगत की।उल्लेखनीय है कि कुरुक्षेत्र निवासी 29 वर्षीय विक्रम सिरोहीवाल हरियाणा के जाने माने सूफी गायक है, जो दुनिया के जाने माने विश्व प्रसिद्ध सूफी उस्ताद गुरु नुसरत फतेह अली खान के शिष्य उस्ताद आसिफ अली संतू खान के शागिर्द है।