Dubai : ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दुबई में किया यूपीआई और यूपीयू का एकीकरण, दुनियाभर में सीमा-पार पैसा भेजना होगा आसान

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दुबई : (Dubai) केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Union Communications and Development of North Eastern Region Jyotiraditya Scindia) ने आज दुबई में आयोजित 28वें यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस में भारत के एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) और संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (यूपीयू ) (Unified Payment Interface (UPI) and the United Nations specialized agency Universal Postal Union (UPU)) के एकीकरण प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया। इस एकीकरण से दुनियाभर में सीमा-पार पैसे भेजने को आसान, तेज और किफायती हो जाएगा।

भारत के डाक विभाग (Department of Posts of India) एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड और यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (यूपीयू) द्वारा विकसित इस परियोजना में यूपीआई को यूपीयू के इंटरकनेक्शन प्लेटफॉर्म के साथ जोड़ा गया है, जिससे डाक नेटवर्क की व्यापक पहुंच और यूपीआई की गति बहुत तेज हो जाएगी।

सिंधिया ने इस एकीकरण को सामाजिक संकल्प बताया। उन्होंने कहा कि डाक नेटवर्क की विश्वसनीयता और यूपीआई की तेजी मिलकर परिवारों को सीमाओं के पार सुरक्षित, त्वरित और कम लागत पर धन भेजने में मदद करेगी। यह परियोजना वैश्विक डाक प्रणाली को आधुनिक और समावेशी बनाने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। कार्यक्रम में उन्होंने भारत की आधुनिक डाक प्रणाली की कार्ययोजना के बारे में भी बताया। इसे उन्होंने चार शब्द कनेक्ट, इंक्लूड, मॉडर्नाइज़ और कोऑपरेट से परिभाषित किया। इसमें डेटा-आधारित लॉजिस्टिक्स, किफायती डिजिटल वित्तीय सेवाएं, एआई और दक्षिण-दक्षिण सहयोग शामिल हैं।

सिंधिया ने घोषणा की कि भारत इस चक्र में वैश्विक डाक क्षेत्र (global postal sector) को मजबूत करने के लिए 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान देगा, जिसमें ई-कॉमर्स और डिजिटल पेमेंट्स पर विशेष ध्यान होगा। साथ ही, भारत यूपीयू की काउंसिल ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन और पोस्टल ऑपरेशंस काउंसिल में अपनी दावेदारी पेश करेगा। उन्होंने कहा कि आधार, जनधन और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के ज़रिए 56 करोड़ से अधिक खाते खोले गए हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाओं के नाम हैं और इंडिया पोस्ट ने पिछले साल 90 करोड़ से अधिक पत्र-पार्सल वितरित किए।

उन्होंने कहा कि भारत साझेदारी के साथ वैश्विक मंच पर (global stage with this partnership)आया है। यह परियोजना महंगे विखंडन से बचाकर भुगतान, पहचान और लॉजिस्टिक्स को जोड़कर वैश्विक व्यापार को सहज बनाएगी। यह कदम न केवल एनआरआई समुदाय के लिए, बल्कि विश्वभर के उन लाखों परिवारों के लिए लाभकारी होगा जो रिश्तेदारों को धन भेजने के लिए किफायती और सुरक्षित तरीकों पर निर्भर हैं।