धर्मशाला : कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा अब एक बार फिर धर्मशाला से अपनी तीसरी पारी के लिए चुनावी मैदान में उतरने वाले हैं। अब तक चार बार विधायक रहे सुधीर शर्मा हालांकि इस बार कांग्रेस से नही बल्कि भाजपा से चुनावी मैदान में होंगे। भाजपा द्वारा उन्हें विधानसभा उपचुनाव के लिए धर्मशाला से पार्टी प्रत्याशी बनाया है। इससे पूर्व बैजनाथ में साल 2003 और 2007 में विधायक बनने वाले सुधीर शर्मा की धर्मशाला में 2012 में जोरदार एंट्री हुई थी।
बैजनाथ विधानसभा सीट के एससी आरक्षित होने के चलते उन्हें अपना चुनाव क्षेत्र बदलना पड़ा और 2012 में हुए चुनावों में वह धर्मशाला से कांग्रेस प्रत्याशी उतारे गए जिसमें उन्हें जीत मिली। उन्होंने भाजपा के दिग्गज नेता किशन कपूर को हराया और उन्हें पहली बार वीरभद्र सरकार में मंत्री बनाया गया। इसके बाद वह अगले चुनावों यानी 2017 के विधानसभा चुनावों में हार गए। वहीं 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के किशन कपूर जोकि सरकार में मंत्री भी थे, उन्हें लोकसभा प्रत्याशी उतारने से धर्मशाला में उपचुनाव हुआ। लेकिन सुधीर ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया और कांग्रेस की टिकट विजय इंद्र कर्ण को दी गई। जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा।
इसके बाद कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी की हार में सुधीर शर्मा की भूमिका सामने आने से वह पहली बार एक्सपोज़ हुए। बाबजूद इसके 2022 के चुनावों में उन्होंने एक बार फिर चुनाव लड़ा और भाजपा के प्रत्याशी को हराया। लेकिन प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू के मुख्यमंत्री बनने से उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नही मिल पाई। यही बजह रही कि उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की और प्रदेश की राजनीतिक हालात के मद्देनजर अब भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा ने भी उन्हें पूरा मां सम्मान देते हुए इस उपचुनाव में अपना प्रत्याशी बनाकर कांग्रेस के समक्ष एक बडी चुनौती खड़ी कर दी है। अब देखना यह है कि धर्मशाला की जनता और यहां के पुराने भाजपाई उनका कितना साथ देते हैं।