आराध्य देव को लगेगा तिल-गुड़ का भोग, तैयारी में जुटे लोग
धमतरी : सूर्य उपासना का पर्व है मकर संक्रांति 14 को उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाएगा। इस विशेष अवसर पर आज घरों-घर आराध्य देव को तिल-गुड़ का भोग लगाया जाएगा। इसकी तैयारी में लोग जुटे हुए हैं।
विप्र विद्वत परिषद धमतरी के अध्यक्ष पंडित अशोक शास्त्री ने बताया कि सनातन धर्म में मकर संक्रान्ति का विशेष महत्व है। सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना ही मकर संक्रांति है। इस दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाता है। उत्तरायण देवताओं का दिन कहलाता है। सूर्य का उत्तरायण होने पर दिन बड़ा हो जाता है एवं रात्रि छोटी हो जाती है। मकर संक्रांति को आदिकाल से सूर्य उपासना के पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष देव पंचांग के अनुसार 14 जनवरी को रात्रि दो बजकर 44 मिनट पर सूर्य का उत्तरायण होगा एवं 15 जनवरी को सूर्य उदिया शतभिषा नक्षत्र है। इस दिन तीर्थस्नान, जाप, हवन पूजन, दान करने का महत्व है। परिषद के मीडिया प्रभारी पंडित राजकुमार तिवारी ने बताया कि इस दिन तिल के लड्डू एवं तिल का उपयोग हवन, तर्पण एवं खाने के लिए और दान के लिए किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि तिल की उत्पत्ति भगवान विष्णु के शरीर से हुई है। मोक्ष प्राप्ति में इसका विशेष महत्व है।