धमतरी:(Dhamtari) बारिश शुरू होने और बाढ़ की स्थिति निर्मित होने पर वनांचल क्षेत्र में बसे जिले के चार गांवों से संपर्क टूट जाता है। इन गांवों की स्थिति सालों से है, लेकिन शासन-प्रशासन द्वारा आज तक कोई उचित व्यवस्था नहीं किया जा सका, जिससे बारिश में भी इन गांवों से संपर्क बना रहे।
नक्सल अतिसंवेदनशील और सघन वनांचल में बसे नगरी ब्लाक के ग्राम करही, रिसगांव, खल्लारी और फरसगांव ऐसा गांव है, जहां बारिश होने और बाढ़ की स्थिति निर्मित होते ही जिला से संपर्क टूट जाता है। यहां के हजारों ग्रामीण एक गांव से दूसरे गांव आना-जाना नहीं कर सकते, ऐसे में अब बारिश शुरू होने से पहले इन गांवों के ग्रामीणों की तैयारियां शुरू हो गई है। ग्रामीण बारिश के दिनों से निबटने के लिए अपने जरूरत के खाद्य सामाग्रियों का स्टाक करना शुरू कर दिया है, क्योंकि जल्द ही बारिश के दिन आने वाला है।
वहीं जिला प्रशासन की ओर से इन गांवों में राशन दुकानों से मिलने वाली खाद्य सामाग्री, औषधि की हर साल व्यवस्था बारिश शुरू होने से पहले कर दिया जाता है। यहां के ग्रामीणों को एक साथ चार से पांच माह का राशन दिया जाता है, ताकि बारिश होने पर संपर्क टूट जाने पर लोगों के सामने भूखे की नौबत न आ सके। बारिश की वजह से संपर्क टूटने से ग्रामीणों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं स्कूली बच्चों को भी कई तरह की परेशानियां झेलना पड़ता है।
मामले में संयुक्त कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी राहत शाखा ऋषिकेश तिवारी ने बताया कि जिले में बाढ़ संभावित 77 गांव हैं। इनमें मगरलोड तहसील के 29, धमतरी के 20, भखारा के 13, कुरूद के 10 और नगरी तहसील के पांच गांव शामिल हैं। नगरी ब्लाक के चार राशन दुकान करही, रिसगांव, खल्लारी और फरसगांव पहुंच विहीन हो जाते हैं। इस पहुंचविहीन राशन दुकानों में अगले पांच माह के लिए 31 मई तक खाद्यान्न भंडारण सुनिश्चित करने के निर्देश खाद्य अधिकारी को दिए गए हैं। इसके अलावा जीवन रक्षक दवाइयां इत्यादि का भंडारण कर लेने के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिए है।