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Dhaka : बांग्लादेश खिलाफत मजलिस सभी 300 सीटों पर लड़ेगी चुनाव

ढाका : (Dhaka) बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार (Sheikh Hasina government in Bangladesh) के पतन के बाद अभी तक राष्ट्रीय चुनाव की तारीख की घोषणा नहीं हो सकी है। इस वजह से अंतरिम सरकार को आए दिन किसी न किसी दल की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। लगभग सभी दलों ने चुनाव तैयारियां शुरू कर दी हैं। बांग्लादेश खिलाफत मजलिस ने सभी 300 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर सबको चौंका दिया है।

द डेली स्टार अखबार की खबर के अनुसार बांग्लादेश खिलाफत मजलिस (Sheikh Hasina government in Bangladesh) ने कल घोषणा की कि वह इस्लामी मूल्यों और राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देते हुए आगामी राष्ट्रीय चुनाव में जोर-शोर से हिस्सा लेगी और सभी 300 निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार खड़ा करेगी। बांग्लादेश खिलाफत मजलिस के अमीर मौलाना मोहम्मद मामुनुल हक (Maulana Mohammad Mamunul Haque) ने बांग्लादेश के डिप्लोमा इंजीनियर्स संस्थान के सभागार में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कहा, ” आगर व्यापक गठबंधन या चुनावी समझौते से इस्लाम और देश के हितों की अधिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सकती है तो पार्टी उस रास्ते को भी अपनाने के लिए तैयार है।”

उन्होंने संसद में आनुपातिक प्रतिनिधित्व (proportional representation) (PR) प्रणाली पर पार्टी की स्थिति को रेखांकित करते हुए कहा, “हम आंशिक पीआर प्रणाली चाहते हैं। वर्तमान प्रणाली वास्तव में बहुमत की राय को प्रतिबिंबित नहीं करती है। इसलिए, निष्पक्ष और समावेशी प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए, निचले सदन में आंशिक पीआर प्रणाली और ऊपरी सदन में पूर्ण पीआर प्रणाली शुरू की जानी चाहिए।” आनुपातिक प्रतिनिधित्व एक चुनावी प्रणाली है जिसमें सीटों का वितरण प्रत्येक पार्टी के लिए डाले गए कुल वोटों के अनुपात के अनुरूप होता है।

मामुनुल ने कहा, “हम अंतरिम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह चुनावी ढांचे में अनसुलझे मुद्दों को राष्ट्र के सामने बिना किसी देरी के स्पष्ट करे। हालांकि द्विसदनीय संसद पर आम सहमति है, लेकिन ऊपरी और निचले सदनों का गठन कैसे किया जाएगा, इस पर अभी भी निर्णय की आवश्यकता है।” उन्होंने कहा कि खिलाफत मजलिश पारंपरिक रूप से इस्लामी एकता की समर्थक रही है। अपने गठन के तुरंत बाद, पार्टी ने एक व्यापक इस्लामी गठबंधन बनाने में भूमिका निभाई। “हम आज भी उस परंपरा को कायम रखते हैं।”

उन्होंने फासीवाद विरोधी एकता को बनाए रखने का आह्वान करते हुए कहा, “सड़कों पर बनी ऐतिहासिक एकता को कम नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “बांग्लादेश को अपने लोगों की इच्छा के आधार पर शासित किया जाना चाहिए। हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना जारी रहेगा कि कोई विदेशी एजेंडा फिर से लागू न हो। बांग्लादेश खिलाफत मजलिस (Bangladesh Khilafat Majlish) का मानना ​​है कि देश के लिए एक मजबूत और रचनात्मक विपक्ष जरूरी है। बांग्लादेश में विपक्षी दलों को खत्म करने की राजनीति जारी नहीं रह सकती।”

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