Dhaka : बांग्लादेश में सेना के 15 अधिकारियों काे जेल भेजा गया

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ढाका : (Dhaka) बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल (International Crimes Tribunal) (ICT) ने बुधवार को 15 सेवारत सेना अधिकारियों की जमानत याचिकाओं को खारिज कर उन्हें तत्काल जेल भेजने का आदेश दिया। ये अधिकारी 2010 से 2024 के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ हुए विराेध प्रदर्शनाें के दाैरान मानवता के खिलाफ अपराधों, जबरन गुमशुदगी, हत्या और यातनाओं के आरोपों में आरोपित हैं।

आईसीटी की न्यायाधीश माेहम्मद गुलाम माेर्तुजा मजुमदार (ICTI Judge Mohammad Golam Mortuza Majumder) की अध्यक्षता वाली एक तीन सदस्यीय पीठ ने यह आदेश पारित किया। इसके अन्य सदस्याें में न्यायाधीश शाहिदुल इस्लाम धमी धाैर न्यायाधीश माेहम्मद मिजानुर रहमान शामिल हैं।

पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए इन सभी काे जमानत नहीं दी जा सकती। इन सभी अधिकारियों को ढाका सेंट्रल जेल में रखा जाएगा। आईसीटी के एक अभियोजक ने बताया, “ये अधिकारी विभिन्न आपराधिक मामलों में शामिल थे। सेना ने इन्हें पहले ही हिरासत में ले लिया था, लेकिन अब नागरिक अदालत का फैसला लागू होगा।”

इन सभी पर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना सरकार (former Prime Minister Sheikh Hasina’s government) के कार्यकाल के दाैरान मानवता के खिलाफ अपराधाें के आराेप लगाए गए हैं। ये 15 अधिकारी तीन अलग अलग मामलाें से जुड़े हैं जाे सेना के विभिन्न रैंकों से हैं। इनमें मेजर से लेकर कर्नल रैंक तक के अधिकारी शामिल हैं। आईसीटी ने अगली सुनवाई 5 नवंबर के लिए तय की है।

ये अधिकारी पहले सैन्य हिरासत में थे लेकिन अबआईसीटी ने साफ कहा है कि अपराधों की जांच नागरिक ट्रिब्यूनल के दायरे में होगी। इस बीच देश के मानवाधिकार संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल के एक प्रतिनिधि ने कहा, “यह कदम लापता लोगों के परिवारों को न्याय दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।”

बांग्लादेश में 1971 की स्वतंत्रता युद्ध से जुड़े अपराधों की जांच आईसीटी कर रही है, जिसमें सैकड़ों मामले लंबित हैं। उधर सरकारी अधिकारियाें के मुताबिक सेना और न्यायपालिका के बीच समन्वय बनाए रखा जाएगा।