देहरादून : (Dehradun) उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र (Uttarakhand Legislative Assembly) के पांचवें दिन शनिवार को सदन में पहाड़-मैदान की टिप्पणी को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। विपक्ष ने संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल पर असंसदीय भाषा के प्रयोग का आरोप लगाते हुए माफी की मांग की।
शनिवार सुबह कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य (Leader of Opposition Yashpal Arya) ने वायरल वीडियो का हवाला देते हुए संसदीय कार्य मंत्री द्वारा की गई ‘साले पहाड़’ वाली टिप्पणी पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि मंत्री द्वारा इस प्रकार की भाषा का प्रयोग राज्य की गरिमा पर प्रश्नचिह्न लगाता है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। आर्य ने विधानसभा अध्यक्ष से इस पर ठोस कार्रवाई की मांग की।
संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने सदन में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने पहले ही इस विषय पर स्पष्टीकरण दे दिया है। इस दौरान कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला ने विरोध जताते हुए कागज फाड़ दिए। इसके बाद विपक्षी विधायक सदन से वॉकआउट करने लगे, लेकिन नेता प्रतिपक्ष के अनुरोध पर वे वापस लौट आए।
निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने कहा कि उत्तराखंड के लोग देशभर में शीर्ष पदों पर कार्यरत हैं, इसलिए राज्य में पहाड़-मैदान की बजाय पूरे उत्तराखंड के विकास की बात होनी चाहिए। उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री से प्रदेशवासियों से माफी मांगने की मांग की। बदरीनाथ विधायक लखपत बुटोला ने कहा कि अगर ऐसी भाषा का प्रयोग किया जाता है तो सदन में रहने का कोई अधिकार नहीं।
विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में चल रहे हंगामे पर नाराजगी जाहिर करते हुए विपक्षी सदस्यों को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि पहाड़-मैदान की बहस को तूल देने के बजाय उत्तराखंड के विकास पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने सभी सदस्यों से संयम बरतने की अपील करते हुए कहा कि पूरा देश सदन की कार्यवाही देख रहा है और गलत व्यवहार से उत्तराखंड की छवि धूमिल होती है।