देहरादून : अब उत्तराखंंड का माणा देश का अंतिम गांव नहीं, बल्कि पहला गांव है। अब सीमा सड़क संगठन की ओर से सीमांत गांव माणा के प्रवेश द्वार पर देश के अंतिम गांव के स्थान पर पहले गांव का साइन बोर्ड लगा दिया गया है। यह उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है और बदरीनाथ धाम से इस गांव की दूरी करीब 3 किलोमीटर है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश के सीमावर्ती क्षेत्र आज वास्तव में और अधिक जीवंत हो रहे हैं। इसके लिये वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का उद्देश्य सीमावर्ती गांवों का विकास करना, ग्रामवासियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना, स्थानीय संस्कृति, पारंपरिक ज्ञान और विरासत को बढ़ावा देकर पर्यटन क्षमता का लाभ उठाना और समुदाय आधारित संगठनों, सहकारी समितियों और गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से एक गांव एक उत्पाद की अवधारणा पर पर्यावरण स्थायी पर्यावरण-कृषि व्यवसायों को विकसित करना है।
उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट विलेज कार्य योजनाएं जिला प्रशासन द्वारा ग्राम पंचायतों के सहयोग से तैयार की गई हैं। इससे इन क्षेत्रों के उत्पादों जड़ी-बूटियों, सेब, राजमा सहित फसलों के साथ-साथ यहां विकास की संभावनाओं को पंख लगेंगे। इन क्षेत्रों में एक गांव एक उत्पाद योजना के तहत ऊनी वस्त्रों का निर्माण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना सीमांत क्षेत्रों से पलायन को रोकने में मददगार होगी तथा हमारे सीमांत क्षेत्रवासी देश की सुरक्षा में भी भागीदारी निभा सकेंगे।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह कथन कि ‘‘21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा’’ हमें एक नए उत्साह और ऊर्जा से भर देता है। एक तरफ जहां यह हमें गर्व की अनुभूति कराता है वहीं दूसरी तरफ यह हमें हमारे कर्तव्यों का भी बोध कराता है। प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप हम राज्य के विकास और कल्याण के लिए पूरी निष्ठा के साथ कार्य करने हेतु संकल्पबद्ध हैं। हमने राज्य को वर्ष 2025 तक हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के लिए ’’विकल्प रहित संकल्प’’ का मूलमंत्र अपनाया है।
गौरतलब है कि 21 अक्टूबर 2022 को माणा में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के माणा को भारत के अन्तिम गांव की बजाय देश का पहला गांव कहे जाने पर मुहर लगाते हुए कहा कि ‘‘अब तो उनके लिये भी सीमाओं पर बसा हर गांव देश का पहला गांव ही है। पहले जिन इलाकों को देश के सीमाओं का अंत मानकर नजर अंदाज किया जाता था, हमने वहां से देश की समृद्धि का आरंभ मानकर शुरू किया। लोग माणा आएं, यहां डिजिटल टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है।’’ इससे पूर्व प्रधानमंत्री मोदी 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बता चुके हैं।