Dantewada : बोधघाट परियोजना के विराेध में ग्रामीणाें ने बैठक कर आंदोलन का लिया फैसला

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दंतेवाड़ा : (Dantewada) बोधघाट जल विद्युत परियोजना के विराेध में 56 गांव की जनभावनाओं की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने बोधघाट संघर्ष समिति (Bodhghat Sangharsh Samiti) के बैनर तले आज साेमवार काे हितालकूडूम गांव में बड़ी संख्या में ग्रामीणाें ने बैठक कर आगे की रणनीति बनाई। बैठक में ग्रामीणों ने आंदोलन का फैसला लिया है। पिछली कांग्रेस सरकार (Congress government) में भी इस परियोजना के सर्वे के नाम पर जमकर पैसा खर्च किया, लेकिन विरोध के चलते काम रुक गया। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक सरकार विस्थापन नीति नहीं बनाएगी और क्षेत्रीय ग्रामीणों का विश्वास नहीं जीतेगी, तब तक इस परियोजना का काम शुरू नहीं होने देंगे।

गाैरतलब है कि बोधघाट परियोजना बस्तर की इंद्रावती नदी (Indravati river of Bastar) पर आधारित एक बहुउद्देशीय परियोजना है, जिसकी शुरुआत 1980 में हुई थी। इसका प्रारंभिक उद्देश्य बिजली उत्पादन था, लेकिन बाद में इसमें सिंचाई को भी शामिल किया गया। इस परियोजना शुरू होने के बाद 3.7 लाख हेक्टेयर सिंचाई, 125 मेगावाट बिजली, 4,824 टन मत्स्य उत्पादन व लगभग 7 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्र का विस्तार होने की बात सरकार कर रही है। इस परियोजना में लगभग 29 हजार करोड़ रुपये अनुमानित खर्च होंगे। पूर्व में हुए सर्वे के अनुसार, प्रोजेक्ट से 5407 हेक्टेयर वन भूमि, 5010 हेक्टेयर निजी भूमि और 3068 हेक्टेयर राजस्व भूमि मिलाकर 13783 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हो रही है। इसमें 56 गांव प्रभावित होंगे।