spot_img
HomechhattisgarhChhattisgarh Assembly : धान निष्पादन पर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा नहीं होने...

Chhattisgarh Assembly : धान निष्पादन पर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा नहीं होने पर किया विपक्ष ने किया वॉकआउट

रायपुर : (Raipur) छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र के 11वें दिन आज मंगलवार काे धान निष्पादन पर विपक्ष स्थगन प्रस्ताव लेकर आया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत (Former Chief Minister Bhupesh Baghel and Leader of Opposition Dr. Charan Das Mahant) ने राज्य को 8 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि धान की नीलामी के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ेगा। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा प्रस्ताव नामंजूर किए जाने पर कांग्रेस विधायकों ने जमकर हंगामा किया और गर्भगृह तक पहुंच गए। तब कांग्रेस के 29 विधायकों को अध्यक्ष ने निलंबित कर दिया और सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा नहीं होने पर विपक्ष ने वॉकआउट किया।

नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा- प्रदेश सरकार ने धान 149 लाख मीट्रिक टन खरीदा है। लेकिन 40 लाख मीट्रिक टन धान बाजार में नीलाम करने का निर्णय ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि, इससे पहले धान को नीलाम करने की जरूरत नहीं पड़ी थी। महंत ने कहा कि, पंजाब में डबल इंजन की सरकार नहीं है बावजूद उनके सारे चावल ले रहे हैं। बाजार में धान नीलाम करने से 8 हजार करोड़ का घाटा हो रहा है, यह उचित नहीं है।छत्तीसगढ़ के किसानों, गरीबों को हक की राशि मिलनी चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्थगन प्रस्ताव पर कहा कि सरकार ने स्वीकार किया कि धान की नीलामी होगी। पिछले समय भी धान का निष्पादन नहीं हो पाया था। धान नीलामी से छत्तीसगढ़ को करीब 8 हजार करोड़ का आर्थिक नुकसान होगा। उन्होंने इसे छत्तीसगढ़ के खिलाफ केंद्र का उपेक्षापूर्ण रवैया बताया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले वर्ष में घाटा लगा तो धान खरीद प्रभावित होगी। इसके साथ ही उन्होंने धान खरीद के लिए राज्य सरकार को केंद्र सरकार से अनुरोध करने की बात कही। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- 40 लाख मीट्रिक टन धान खुले में बेचने का निर्णय लिया गया है, केंद्रीय पूल में चावल जमा नहीं हो रहा है यह दुर्भाग्य है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से विपक्ष का इस पर स्थगन प्रस्ताव मंजूर कर चर्चा कराने की मांग की। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन में हंगामा किया। सभी विपक्षी विधायक विरोध करते हुए गर्भ गृह तक पहुंच गए। विधानसभा अध्यक्ष ने गर्भगृह में प्रवेश और प्रदर्शन पर विपक्ष के 29 विधायकों को निलंबित कर दिया। साथ ही सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।

spot_imgspot_imgspot_img
इससे जुडी खबरें
spot_imgspot_imgspot_img

सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली खबर