चेन्नई : (CHENNAI) अन्नाद्रमुक महासचिव एडप्पादी के पलानी स्वामी (AIADMK general secretary Edappadi K Palani Swamy) (इपीएस) ने कहा कि उन्होंने तमिलनाडु के अधिकारों की रक्षा के लिए भाजपा से नाता तोड़ा लेकिन तमिलनाडु में धन व परियोजनाएं लाने के लिए केंद्र में शासन करने वालों को मुद्दा आधारित समर्थन देंगे। पलानी स्वामी ने कहा कि अन्नाद्रमुक राज्य में अपना गठबंधन बना कर चुनाव में उतरेगा। सभी अन्नाद्रमुक गठबंधन के बारे में संदेह जता रहे हैं लेकिन इंतजार करें और देखें।
ईपीएस ने नामक्कल में अन्नाद्रमुक के आईटी विंग के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि तमिलनाडु के लोगों ने हमें चुना लेकिन जब हमने तमिलनाडु से संबंधित मुद्दे उठाए तो उन्होंने नहीं सुनी तो हम अलग हो गए। हम राज्य के अधिकारों की रक्षा के लिए भाजपा गठबंधन से अलग हुए।
उन्होंने यह भी कहा कि जब हम राष्ट्रीय दलों से गठबंधन करते हैं तो हमारे राज्य की जरूरतें उपेक्षित हो जाती हैं क्योंकि राष्ट्रीय दलों का ध्यान अखिल भारतीय स्तर पर होता है। जिससे हम प्रभावित होते हैं। इसलिए तमिलनाडु के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए और राज्य में धन तथा परियोजनाएं लाने के लिए हम केंद्र में शासन करने वाले गठबंधन या दल को मुद्दों पर आधारित समर्थन देंगे।
पलानी स्वामी का बयान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान के एक दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि तमिलनाडु में पार्टियों के साथ गठबंधन के सभी विकल्प खुले हैं। डी जयकुमार सहित अन्नाद्रमुक नेताओं ने इस बयान पर तुरंत प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के साथ समझौते को खारिज कर दिया था।
उन्होंने वंशवादी राजनीति के लिए द्रमुक और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि निवेश लाने के लिए उनकी स्पेन यात्रा दिखावा थी। स्टालिन ने तमिलनाडु में पहले से ही काम कर रही कंपनियों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए। वह विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए नहीं बल्कि निवेश करने के लिए स्पेन गए थे। उन्होंने अब तक लाए गए निवेश पर श्वेतपत्र लाने की मांग की।