हांगकांग की कोर्ट में छह साल से चल रहा था प्रत्यार्पण केस
चंडीगढ़ : पंजाब पुलिस ने करीब आठ साल पहले हुए नाभा जेल ब्रेक केस का मास्टरमांइड रमनजीत सिंह रोमी काे हांगकांग से प्रत्यार्पण करवाया है। पंजाब की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की विशेष टीम रोमी को लेकर शुक्रवार को चंडीगढ़ पहुंचेंगी।
नाभा जेल ब्रेक केस का मास्टरमांइड रमनजीत सिंह रोमी के प्रत्यर्पण को पंजाब पुलिस बड़ी कामयाबी मान रही है, क्योंकि रोमी नाभा जेल से फरार हुए लोगों का सबसे बड़ा मददगार था। पंजाब पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने गुरुवार को बताया कि छह पुलिस अधिकारियों की टीम उसे लेने के लिए गई है। पंजाब में उसके खिलाफ तीन मामले दर्ज हैं। डीजीपी यादव ने बताया कि रोमी को लाया जा रहा है। वह आईएसआई, खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के हरमिंदर सिंह मिंटू और कश्मीर सिंह गलवाड़ी सहित अन्य फरार कैदियों के संपर्क में था। आरोपित के खिलाफ पहले लुकआउट सर्कुलर और फिर बाद में रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। हांगकांग सरकार के साथ वर्ष 2018 में प्रत्यर्पण समझौता हुआ था। उसी के तहत यह प्रक्रिया शुरू की गई। हांगकांग के न्याय विभाग और कोर्टों के समक्ष पुख्ता सबूत पेश किए गए, जिसके बाद रोमी का प्रत्यार्पण किया गया है। पंजाब की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की विशेष टीम रोमी को लेकर शुक्रवार को चंडीगढ़ पहुंचेंगी।
उल्लेखनीय है कि 27 नवंबर 2016 को पटियाला की नाभा जेल से छह कैदी फरार हुए थे। इनमें दाे आतंकी और चार कुख्यात गैंगस्टर थे। जेल से फरार मामले में खालिस्तानी लिबरेशन फोर्स के चीफ हरमिंदर सिंह मिंटू को पुलिस ने कुछ घंटों के बाद ही गिरफ्तार कर लिया था। इस कांड का मास्टरमाइंड रोमी पहले जून 2016 में नाभा जेल गया था और फिर जमानत पर बाहर आ गया और इसके बाद वह हांगकांग भाग गया था। वहां से उसने नाभा जेल में बंद गुरप्रीत सिंह सेखों की मदद से जेल ब्रेक की इस वारदात को अंजाम दिया। रोमी ने पैसे भेजने के अलावा जेल से भागने वाले अपराधियों को पनाह भी दी थी और हांगकांग में संपर्क करने के लिए अपना नंबर भी दिया था।