जेल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को वीआरएस के लिए लिखा पत्र
पूर्व सहकारिता मंत्री सतपाल सांगवान के बेटे हैं सुनील सांगवान
चंडीगढ़ : (Chandigarh) भौंडसी (गुरुग्राम) जेल सुपरिटेंडेंट सुनील सांगवान ने अपनी नौकरी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। सुनील सांगवान ने सरकारी सेवा से वीआरएस लेने के लिए गृह व जेल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी को पत्र भेज दिया है। उनका इस्तीफा जल्द ही मंजूर होने की भी उम्मीद है।माना जा रहा है कि जेल विभाग में साढ़े 22 वर्ष की सेवाओं के बाद अब सुनील सांगवान अपने पिता व पूर्व सहकारिता मंत्री सतपाल सांगवान की तरह राजनीति में एंट्री करेंगे।
सतपाल सांगवान टेलीकॉम डिपार्टमेंट में एसडीओ के पद पर कार्यरत थे। भूतपूर्व मुख्यमंत्री चौ. बंसीलाल के सबसे नजदीकियों में सतपाल सांगवान की गिनती होती है। वर्ष 1996 में बंसीलाल के कहने पर ही सतपाल सांगवान ने एसडीओ की नौकरी से इस्तीफा दिया था। इस्तीफा देने के एक दिन बाद ही उन्होंने हरियाणा विकास पार्टी (हविपा) की टिकट पर चरखी दादरी से नामांकन दाखिल किया था। सतपाल अपना पहला ही चुनाव जीतने में कामयाब रहे। वर्ष 2009 में भी सतपाल सांगवान दादरी से विधायक बने और उस समय हुड्डा सरकार में पांच वर्षों तक सहकारिता एवं आवास मंत्री रहे। लोकसभा चुनाव से पहले जब पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सतपाल सांगवान को भाजपा ज्वाइन करवाई थी तो उनकी इसके लिए सार्वजनिक तौर पर प्रशंसा भी की थी।
चरखी दादरी के विकास के लिए हमेशा आवाज उठाते रहे सतपाल सांगवान की राजनीति को अब उनके बेटे सुनील सांगवान आगे बढ़ाएंगे। सूत्रों का कहना है कि भाजपा सुनील सांगवान को चरखी दादरी से विधानसभा चुनाव लड़वा सकती है। माना जा रहा है कि इस्तीफा मंजूर होने के बाद सुनील सांगवान जल्द ही भाजपा भी ज्वाइन कर लेंगे। 2 जनवरी, 2002 को सुनील सांगवान ने जेल विभाग में बतौर डिप्टी सुपरिटेंडेंट सरकारी सेवाओं की शुरूआत की थी। उनकी पहली पोस्टिंग गुरुग्राम की भौंडसी जेल में ही हुई थी। संयोग से आज उन्होंने उसी जेल के सुपरिटेंडेंट रहते हुए नौकरी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। गुरुग्राम, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत व झज्जर जैसी उन जेलों में सुनील सांगवान ने बतौर सुपरिटेंडेंट कार्य किया, जिन्हें सबसे कुख्यात जेल माना जाता है।