भोपाल: (Bhopal) मणिपुर की घटना से जुड़ा वीडियो सामने आने के बाद इस मुद्दे पर देशभर में राजनीति हो रही है। इसी को लेकर भाजपा की वरिष्ठ नेत्री उमा भारती की भी प्रतिक्रिया सामने आई। उन्होंने घटना को शर्मनाक बताते हुए किसी भी दल या नेता का नाम लिए बगैर महिला हिंसा पर आरोप-प्रत्यारोप की सियासत करने वालों को जमकर घेरा।
उमा भारती ने शनिवार को सिलसिलेवार ट्वीट के माध्यम से कहा कि मणिपुर की महिलाओं के अपमान की घटना पर दुख गहराता जाता है। विपक्ष आरोप लगाता है कि प्रधानमंत्री जी पार्लियामेंट के अंदर बोल दें या (मणिपुर के मुख्यमंत्री) एन. वीरेन सिंह इस्तीफा दे दें। फिर हम कहते हैं कि राजस्थान और बंगाल में भी तो ऐसा होता है। यदि सब जगह ही ऐसा होता है तो सभी जगह गलत नहीं हैं? दो गलत कैसे मिला कर एक सही हो जाएगा? सबसे बड़ा सवाल पुलिस क्यों नहीं पहुंची, क्योंकि घटना बहुत लंबे समय तक चलती रही। आसपास की पुलिस की चौकी या थाना जो भी हो, वह सब उतने ही बड़े दंड के भागीदार हैं, जितने कि मूल अपराधी लोग। महिलाओं को इस तरह से निर्वस्त्र घुमाते हुए छेड़खानी करते हुए और उनके पिता-भाई बचाने आए तो उनके टुकड़े-टुकड़े करने जैसी घटना होना पूरे देश एवं पूरी दुनिया के लिए कलंक एवं शर्मिंदगी की बात है।
उन्होंने ऐसी घटनाओं को रोकने को लेकर सुझाव देते हुए कहा कि अगर ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकनी है तो मौके पर न पहुंचने वाले पुलिसकर्मियों पर कठोरतम कार्रवाई हो। भारतीय दंड विधान संहिता में जो कठोरतम दंड ऐसे अपराध के लिए हो वह फास्ट ट्रेक कोर्ट के जरिए उनको दंडित किया जाना चाहिए। पूरे देशवासियों को और पूरी राजनीतिक व्यवस्था को उन महिलाओं से अपने गुनाहों की क्षमा याचना करनी चाहिए। इसलिए कृपया मणिपुर, राजस्थान, बंगाल का इस पर कंपटीशन मत कराइए, सभी लोग मिलकर माफी मांगिए।