भोपाल : (Bhopal) प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) (ईडी) ने भोपाल में मध्य प्रदेश लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) (पीडब्ल्यूडी) के पूर्व अधीक्षण यंत्री दीपक असाई के खिलाफ पीएमएलए के तहत कार्रवाई की है। असाई की एक करोड़ पांच लाख रुपये की चल-अचल संपत्ति अनंतिम रूप से कुर्क की गई है, जिसका बाजार मूल्य 2.5 करोड़ रुपये बताया गया है। वहीं, ईडी की टीम ने इंदौर में भी अवैध सट्टेबाजी मामले में मनोज मालवीय की एक करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क करने की कार्रवाई की है।
ईडी ने गुरुवार को प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जानकारी दी गई है कि लोक निर्माण विभाग भोपाल में प्रभारी मुख्य अभियंता रहे अधीक्षण यंत्री दीपक असाई की यह संपत्ति महाराष्ट्र के भंडारा जिले में है। यह आवासीय और कॉमर्शियल यूज वाली दुकानों के रूप में है। साथ ही डाकघर में रखी गई इनकी और पत्नी के स्वामित्व वाली एफडी और एसएससी के रूप में चल संपत्ति और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कम्पनी की बीमा पालिसी भी कुर्क की गई हैं। लोकायुक्त पुलिस भोपाल द्वारा इनके विरुद्ध दर्ज अपराध के मामले में जांच के बाद यह कुर्की की कार्रवाई की गई है।
ईडी की जांच में पता चला है कि दीपक असाई ने लोक निर्माण विभाग में लोक सेवक के रूप में पदस्थ रहने के दौरान पद का दुरुपयोग किया और भ्रष्टाचार से अवैध रूप से कमाई की। कमाई की इस रकम को बड़े पैमाने पर चल- अचल संपत्ति अर्जित करने में निवेश किया गया। ईडी की विज्ञप्ति में कहा गया है कि असाई की पत्नी ज्योति असाई ने कथित तौर पर अपने पति की अवैध आय को वैध रूप में परिवर्तित करने में सहायता की है।
इधर, ईडी इंदौर की टीम ने अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी के मामले में पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के अंतर्गत गत 30 जनवरी को एक करोड़ रुपये की संपत्ति अनंतिम रूप से कुर्क की है। यह संपत्ति मनोज मालवीय की है, जो लोकेश वर्मा और निखिल हलभवी उर्फ अजय रतन राजपूत के साथ मिलकर ऑनलाइन सट्टेबाजी में शामिल था। मप्र पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर ईडी ने इस मामले की जांच शुरू की थी। पता चला कि मप्र, कर्नाटक और देश के अन्य राज्यों में अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी एप धन-गेम्स और अन्य सट्टा मटका एप के जरिए लोगों को लुभाने के लिए सट्टा खिलाया जा रहा था। ऐसे यूजर्स के मोबाइल नंबर के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करने और यूपीआई के माध्यम से धन-गेम्स वॉलेट में पैसे ट्रांसफर करने और सट्टेबाजी में शामिल होने की अनुमति देता था। सट्टा मटका एप के जरिए कमाए गए पैसे को लोकेश वर्मा और मनोज मालवीय द्वारा डमी व्यक्तियों के नाम पर उनके केवाईसी दस्तावेजों का दुरुपयोग करके फर्जी खातों में भेजा जाता था। यह रकम वेब के जरिए सट्टेबाजी आपरेशन को चलान के लिए लोगों से अवैध रूप से लूटी जा रही थी। इसके बाद ईडी ने बेनामी बैंक खातों में सट्टेबाजी के संचालन की जांच की तो पाया कि इनके द्वार प्रॉपर्टी खरीदने का काम भी किया गया है। इस मामले में पहले 8.89 करोड़ रुपये का एक अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया गया था और 46 लाख रुपये भी जब्त किए गए थे। ईडी की जांच अभी जारी है।