Bhopal : 26 जिंदा लोगों को बताया मृत, आयोग ने मांगा जवाब

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भोपाल : मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने शिवपुरी जिले में बाबुओं द्वारा 26 जिंदा लोगों को मृत बताकर उनका मुआवजा हड़पने पर संज्ञान लिया है।

मामले में आयोग ने कलेक्टर, शिवपुरी से प्रकरण की जांच कराकर ऐसे पीड़ित 26 व्यक्तियों के संबंध में उन्हें अन्य जीवित व्यक्तियों के समान प्राप्त अधिकारों के संरक्षण के लिए की गई कार्यवाही तथा त्रुटिकर्ता अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।साथ ही ऐसा कोई पीड़ित व्यक्ति मृत बताये जाने मात्र से उपलब्ध सेवाओं/लाभों से वंचित न हो, इस संबंध में भी उचित कार्यवाही कर प्रतिवेदन दें।

आयोग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार शिवपुरी जिले की जनपद पंचायत के दो सीईओ और बाबुओं ने 26 जिंदा लोगों को मृत बताकर अंत्येष्टि और अनुग्रह राशि के 93.56 लाख रूपये का गबन कर दिया। सरकारी सिस्टम में भ्रष्टाचार किस कदर घर कर चुका है, यह घोटाला इसका पुख्ता सबूत है। कहीं किसी की पत्नी को जीते जी मार डाला तो कहीं किसी के जवान बेटे को मृत बताकर पैसे हजम कर लिये। एक दैनिक समाचार पत्र के रिपोटर्स ने बीते बुधवार को जनपद के उन गावों में जाकर पड़ताल की और उन्हीं 26 लोगों को सामने लाया गया। अब इनके सामने खुद को जिंदा साबित करने की चुनौती है।

महिला अधिकारी पर बना रहे मतांतरण का दबाव

धार जिले के राजोद थानाक्षेत्र में एक महिला अधिकारी के अपहरण, मारपीट, छेड़छाड़ व मतांतरण का दवाब बनाने का मामला सामने आया है। आरोपित उसका अपहरण कर झाबुआ जिला ले जा रहे थे। इसी बीच ग्राम पारा में जब महिला की नींद खुली तो पुकार लगाई। इस पर ग्रामीण आये तो आरोपित कार छोड़कर भाग गये। वहीं 100 डायल की मदद से महिला झाबुआ पहुंची।

घटना स्थल धार जिले का होने से झाबुआ जिले में शून्य पर कायमी कर प्रकरण राजोद थाना भेजा गया है। जहां बीते शनिवार को आरोपियों पर मारपीट, छेड़छाड, अपहरण सहित मप्र धार्मिक स्वतंत्रता अधिनिमय के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने एसपी, धार से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।