नई दिल्ली : (New Delhi) सुप्रीम कोर्ट ने भीमा-कोरेगांव मामले में आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता महेश राउत (Mahesh Raut in the Bhima-Koregaon case) को अपनी दादी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए दो हफ्ते की अंतरिम जमानत दे दी है। जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली वेकेशन बेंच ने महेश राउत को 26 जून से 10 जुलाई तक की अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
महेश राउत की ओर से पेश वकील अपर्णा भट्ट ने कहा कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दी थी, लेकिन उस आदेश पर रोक लगा दी गई। याचिकाकर्ता की दादी का निधन मई के अंतिम हफ्ते में हो गया था। उनका अंतिम संस्कार किया जाना है। सुनवाई के दौरान एनआईए की ओर से पेश वकील ने कहा कि इस याचिका को एनआईए कोर्ट में दायर किया जाना चाहिए।
वकील अपर्णा भट्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को मिली जमानत के खिलाफ एनआईए की याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, ऐसे में एनआईए कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई ही नहीं करेगी। दरअसल, 2018 के भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपित महेश राउत को जमानत देने के हाई कोर्ट के आदेश को एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। राउत पिछले 5 साल से अधिक समय से जेल में हैं।