बेरूत : (Beirut) लेबनान ने इजराइल के लिए जासूसी करने के संदेह में 32 लोगों को गिरफ्तार किया (Lebanon has arrested 32 people suspected of spying for Israel) है। इनमें से नाै के खिलाफ सैन्य अदालत में मुकदमा चलाया गया है, जबकि 23 अन्य अभी भी जांच के घेरे में हैं। इन सभी पर हिज़्बुल्लाह के बारे में इज़राइल को जानकारी देने का संदेह है।
एक न्यायिक अधिकारी ने गुरुवार को समाचार पत्राें काे यह जानकारी दी।
नाम न छापने के अनुरोध पर अधिकारी ने बताया कि इज़राइल के साथ सहयोग करने के संदेह में कम से कम 32 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से छह युद्धविराम से पहले के हैं। अधिकारी ने कहा कि अब तक, “नौ लोगों पर सैन्य अदालत में मुकदमा चलाया जा चुका है”, जबकि 23 अभी भी जांच के घेरे में हैं।
गाैरतलब है कि हाल ही में इज़राइल ने हिज़्बुल्लाह समूह के शस्त्रागार पर (Israel recently attacked Hezbollah’s arsenal) हमला किया और उसके कई वरिष्ठ कमांडरों को ढेर कर दिया। वह नवंबर में हुए युद्धविराम के बाद भी समूह पर हमले जारी रखे है।
लेबनान प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से इज़राइल के साथ युद्ध में है और देश के नागरिकाें द्वारा इजराइल से किसी भी तरह का संपर्क रखने पर कारावास की सजा का प्रावधान रखता है।
पिछले साल सितंबर में एक इज़राइली अभियान में हिज़्बुल्लाह के आतंकवादियाें (Israeli operation against Hezbollah militants) के खिलाफ पेजर और वॉकी-टॉकी के जरिए किए गए विस्फाेटाें के कारण संगठन की संचार प्रणालियां ठप हो गईं थी और उसके कम से कम 39 लोग मारे गए जबकि हज़ारों घायल हुए। इसी दाैरान इज़राइल ने बेरूत के दक्षिणी उपनगरों पर एक बड़े हवाई हमले किए जिसमें हिज़्बुल्लाह प्र्रमुख हसन नसरल्लाह मारा गया।
इस बीच मामले की जानकारी रखने वाले एक दूसरे न्यायिक अधिकारी ने बताया कि दोषी ठहराए गए दो लोगों को क्रमशः आठ और सात साल के कठोर श्रम की सजा सुनाई गई है। उन्हें “दुश्मन को हिज़्बुल्लाह अधिकारियों के पते और नाम प्रदान करने का दोषी पाया गया।