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Begusarai: प्रधानमंत्री की सोच के अनुरूप ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनेंगी लखपति दीदियां : गिरिराज सिंह

बेगूसराय: (Begusarai) केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि भारत सरकार का प्रमुख गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) गरीबों की आजीविका में सुधार के लिए दुनिया की सबसे बड़ी पहल है।

उन्होंने कहा है कि यह मिशन समयबद्ध तरीके से कड़ी मेहनत और बहु-आयामी दृष्टिकोण के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने को वास्तविकता में साकार करने के लिए प्रेरित है। लखपति दीदियों को सक्षम बनाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बदलने के लिए सरकार संपूर्ण दृष्टिकोण को अधिकतम प्रभावी बनाने की दिशा में कार्य कर रही है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से कहा था कि ”आज दस करोड़ ग्रामीण महिलाएं स्व-सहायता समूहों का हिस्सा हैं। जब आप गांव में जाएंगे, तो आपको बैंक वाली दीदी, आंगनवाड़ी दीदी और दवाई वाली दीदी मिलेंगी। यह मेरा सपना है कि गांवों में दो करोड़ लखपति दीदी बने।” इस सोच को आगे बढ़ाने के लिए कल ”दो करोड़ लखपति महिला एसएचजी सदस्यों का विकास” विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया।

लखपति दीदी महिला सशक्तिकरण का उत्तीर्ण उदाहरण है, जो आने वाले वर्षों में रूरल इकॉनमी के रीढ़ की हड्डी साबित होगी। हमें दीदियों को लखपति इसलिए नहीं बनाना कि उनके पास लाख रुपये हो, बल्कि इसलिए बनाना है कि चार धाम का पुण्य मिले और रात में ठीक से नींद आ सके कि हम किसी के जीवन में बदलाव ला पाए। लखपति दीदी ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पूर्णतः सकारात्मक बदलाव लाएंगी।

उन्होंने कहा कि मिशन ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के प्रयास में उनकी आजीविका वृद्धि के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें महिलाओं को समूह के रूप में एकत्रित करना, उनके संगठनों को सुदृढ़ बनाना, वित्तपोषण और ऋण सहायता आदि के लिए जानकारी प्रदान करना और कौशल के साथ सक्षम बनाने के ठोस प्रयास शामिल है।

मिशन चार मुख्य घटकों में निवेश के माध्यम से अपने उद्देश्य को प्राप्त करना चाहता है। सामाजिक गतिशीलता और ग्रामीण निर्धनों के स्व-प्रबंधित और वित्तीय रूप से टिकाऊ सामुदायिक संस्थानों को बढ़ावा देने और सुदृढ़ बनाने, ग्रामीण निर्धनों का वित्तीय समावेशन, टिकाऊ आजीविका तथा सामाजिक समावेशन, सामाजिक विकास और अभिसरण मुख्य घटक हैं।

मिशन ने गहन रणनीति के तहत सभी राज्यों और दिल्ली एवं चंडीगढ़ को छोड़कर सभी केंद्र शासित प्रदेशों के 742 जिलों में फैले 7091 प्रखंडों को कवर किया है। नौ करोड़ 54 लाख महिलाओं को 87.39 लाख स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में संगठित किया गया है। समुदाय संचालित दृष्टिकोण मिशन की कार्यान्वयन रणनीति का केंद्र है। करीब चार लाख सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों को कई श्रेणियों में प्रशिक्षित किया गया है।

मिशन ने संपूर्ण समाज के दृष्टिकोण को अपनाया है, जहां स्वयं सहायता समूह परिवारों की आय बढ़ाने में सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए सरकार, निजी क्षेत्र, बहु-पक्षीय एजेंसियों, केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) और तकनीकी संस्थानों के साथ सहयोग और साझेदारी को सुदृढ़ किया गया है। मिशन के तहत संचयी रूप से 33497 करोड़ से अधिक रुपये सामुदायिक निवेश सहायता के रूप में प्रदान किए गए हैं।

2013-14 से स्वयं सहायता समूहों को 6.96 लाख करोड़ रुपये का बैंक ऋण दिया गया है।मिशन के विभिन्न स्तरों पर किए गए प्रयासों का परिणाम 1.88 प्रतिशत पर गैर निष्पादित संपत्ति है। वित्तीय सेवाओं की अंतिम मील डिलीवरी प्रदान करने के लिए एक लाख से अधिक एसएचजी सदस्यों को बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट एजेंट/डिजीपे पॉइंट के रूप में पहचाना और प्रशिक्षित किया गया है।

वर्तमान में करीब एक लाख सात हजार बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट सखी और डिजीपे सखी तैनात की गई हैं। डीएवाई-एनआरएलएम फार्म इन्टर्वेन्शन के तहत गहन ब्लॉकों में टिकाऊ कृषि, पशुधन और गैर इमारती वन उत्पाद(एनटीएफपी) को बढ़ावा देता है। प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण तथा फसल और पशु उत्पादकता बढ़ाने के लिए कृषि पारिस्थितिकी प्रथाओं के साथ-साथ पशुधन प्रथाओं को बढ़ावा दिया गया है।

अगस्त 2023 तक करीब तीन करोड़ 20 हजार महिला किसान इससे लाभांवित हुई हैं। गैर-कृषि रणनीति के तहत दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन स्टार्ट-अप विलेज एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम (एसवीईपी) पर काम करता है। जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमियों को स्थानीय उद्यम स्थापित करने में सहायता करना है। एसवीईपी के तहत अब तक करीब दो लाख 45 हजार उद्यमों को समर्थन दिया गया है।

उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में करीब 28 हजार 623 कस्टम हायरिंग सेंटर और सामुदायिक प्रबंधित टूल बैंक स्थापित किए गए हैं। यह सीएचसी छोटे और सीमांत किसानों को मामूली दर पर कृषि उपकरण और अन्य सेवाएं प्रदान करते हैं। प्रधानमंत्री की कल्पना के अनुरूप लखपति दीदियां अमृत काल में ग्रामीण अर्थव्यवस्था और परिदृश्य को गति प्रदान करेंगी।

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