बेगूसराय:(Begusarai) पेट्रोलियम और मोमबत्ती सहित अन्य उद्योगों के लिए चर्चित बिहार की औद्योगिक राजधानी बेगूसराय अब बिहार का नारियल हब बन चुका है। नारियल बिक्री के इस हब में छठ के मद्देनजर दुकानदारों की भीड़ उमड़ पड़ी है और करीब पांच सौ ट्रक नारियल बिक चुका है।
वर्षों से नारियल का व्यवसाय करते हुए बेगूसराय जिला मुख्यालय से सटे लाखो गांव के व्यापारियों ने अपने अथक मेहनत एवं कुशल व्यवहार से चार दशकों के बाद इसे बिहार का नारियल हब बना दिया है। केरल घूमने गए यहां के एक-दो लोगों ने करीब 40 वर्ष पहले छठ के समय लाखो गांव में एनएच किनारे शुरुआत किया।
इनकी लगन ऐसी रंग लाई कि आज 14 गद्दी में पांच सौ ट्रक से नारियल की बिक्री लाखो से किए जाते हैं। बिहार के अन्य जगहों के मुकाबले कम मुनाफे पर व्यवसाय कर व्यापारियों ने विश्वास जीत लिया है। एनएच के किनारे रहने के कारण आवागमन और ट्रांसपोर्टिंग की सुविधा तथा बिहार के अन्य मंडियों से कम दाम भी विश्वास बढ़ने का बड़ा कारण बना।
स्थानीय कारोबारी रामप्रवेश का कहना है कि जब से होश संभाले, लाखो गांव में नारियल की मंडी को देखा है। उनका मानना है कि बहुत दूर दूर से लोग यहां आते हैं। एक गद्दी के मददगार ने बताया कि उसके रिश्तेदार रमेश जयसवाल 40 वर्षों से नारियल का कारोबार करते हैं। उन्हीं की मदद के लिए वे आए हैं। तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश एवं आसाम से नारियल मंगाए जाते हैं।
एक बड़े कारोबारी ने बताया कि इस व्यापार से लाखों लोगों के घर परिवार चल रहा है। सैकड़ों मजदूर काम करते हैं, यहां के स्थानीय लोग इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि जिस क्वालिटी के नारियल पटना में 21 सौ रुपये प्रति सैकड़ा है, उस क्वालिटी के नारियल लाखो मंडी में 19 सौ रुपये प्रति सैकड़ा है। इसलिए राज्य भर के व्यापारी यहां आते हैं और उन्हें किसी समस्याओं का सामना भी नहीं करना पड़ता है।
रक्सौल, मुजफ्फरपुर एवं समस्तीपुर आदि जगहों से थोक नारियल खरीदने आए व्यवसायी ने कहा कि लाखो में एक तो बिहार अन्य मंडी से कम भाव में नारियल मिलता है। दूसरी यहां के कारोबारी और आम लोगों का व्यवहार, एनएच के किनारे रहने के कारण सहज और सस्ता ट्रांसपोर्टिंग हम लोगों को आकर्षित करता है। बिहार के बहुत कम मंडियों में सब दिन नारियल मिलते हैं, वहां सिर्फ छठ के समय ही मिलता है। लेकिन लाखो मे सालों भर नारियल उपलब्ध है।