Banda: रामधुन गाकर बढ़ते तापमान को नियंत्रित करने की प्रार्थना कर रहे ग्रामीण

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बांदा:(Banda) बुंदेलखंड के बांदा जनपद (Banda district of Bundelkhand) में इस साल तापमान 49 डिग्री सेल्सियस के इर्द-गिर्द घूम रहा है। जिससे अब तक एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। साथ ही पशु पक्षी भी भीषण गर्मी की चपेट में आकर अपनी जान गंवा रहे हैं। तापमान अभी और बढ़ने की संभावना से भयभीत लोग अब तापमान को नियंत्रित करने के लिए तरह-तरह के टोटके कर रहे हैं। लेकिन इन सब से अलग जनपद के अधांव गांव वासी, गांव के भोला उपवन में प्रकृति के बीच यानि अमरूद और आंवला के पौधों के बीच रामधुन गाकर प्रार्थना कर रहे हैं कि ईश्वर इस ताप को नियंत्रित करें।

इस बारे में रामबाबू तिवारी (वॉटर हीरो) का कहना है कि ईश्वर हमारे पंच तत्व से है। मुख्य रूप से प्रकृति में ही ईश्वर है जैसे ‘भ’ से भूमि, ‘ग’ से गगन, ‘व’ से वायु ‘अ’ से अग्नि ‘न’ से नीर इसी में ईश्वर है,इसीलिए आज गांव में ईश्वर (प्रकृति) की पूजा कर बढ़ते तापमान को नियंत्रित करने व ईश्वर से प्रार्थना कर संदेश दिया गया गया कि गांव की खुशहाली एवं समृद्धि के लिए गांव में पौधे और बाग-बगीचे होना अति आवश्यक है। आज जहां जिस स्थान में हम रामधुन कह रहे हैं यहां के तापमान में और गांव के अंदर के तापमान में बहुत अंतर है, यह व्यावहारिक रूप से गांव वालों को दिखाने और समझाने के लिए बगीचे के पास रामधुन किया गया।जिस प्रकार मंदिर के पास राम धुन गाकर हमारी ईश्वर से आस्था जुड़ती है उसी प्रकार से हम गांव वासियों की आस्था प्रकृति नामक ईश्वर से भी जुड़े।

उनका मानना है कि जब हमारी प्रकृति समृद्ध रहेगी तो निश्चित रूप से हम सभी समृद्ध रहेंगे।रामधुन के साथ ही साथ अमित ने प्रकृति से संबंधित गीत गाकर प्रकृति की संरक्षण संवर्धन को संदेश दिया। उन्होंने गीत के भाव में कहा कि हम मनुष्य रूपी प्राणी अपने स्वार्थ के लिए अंधे हो चुके हैं अन्य जीव जंतु पशु पक्षियों नदी तालाबों पेड़ पौधों का ध्यान नहीं रखते। जिस वजह से सूर्य देवता नाराज हो गए हैं और अपने ताप को बढ़ा दिए है। इस ताप को कम करने के लिए हमें बरसात की एक एक बूंद को खेत में रोककर जल धारना होगा, वृक्ष लगाकर पृथ्वी का श्रृंगार करना होगा, जहर मुक्त खेती करना होगा। तभी हम इस ताप से बच सकते हैं।कार्यक्रम में संगीत मंडली रजनीकांत,बलराम दीक्षित,नंकीशोर,कल्लू,विनीत, राजू तिवारी, राजभईया,कालका, छोट्टन,रामसजीवन आदि शामिल रहे ।