spot_img
HomeBandaBanda: प्रस्तावित औद्योगिक कॉरिडोरः साहब! हमारी जमीन मत लो, हम भूखे मर...

Banda: प्रस्तावित औद्योगिक कॉरिडोरः साहब! हमारी जमीन मत लो, हम भूखे मर जाएंगे

बांदा:(Banda) यह बांदा के किसानों के दर्द भरे उदगार हैं। जो बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के बगल में प्रस्तावित औद्योगिक कॉरिडोर में अपनी जमीन अधिग्रहित किये जाने का विरोध कर रहे हैं। इन किसानों का कहना है कि हमारे पास इस जमीन के सिवा जीविका का कोई दूसरा साधन नहीं है। अगर हमारी जमीन चली जाएगी तो हम सब भूखों मर जाएंगे। इन किसानों ने यह भी कहा है कि हम किसी भी कीमत पर अपनी जमीन औद्योगिक गलियारा के लिए नहीं देंगे।

तहसील बांदा के अंतर्गत स्थित ग्राम पंचायत बरगहनी के किसानों ने बताया कि हम सब लघु सीमांत किसान हैं और खेती पर ही आश्रित हैं। कृषि के अलावा आय का अन्य कोई स्रोत नहीं है। यूपीडा द्वारा समस्त किसानों की भूमि चिन्हित की जा रही है। जिसमें बरगहनी का नक्शा पास करके फाइनल किया जा रहा है। इसके लिए गांव वालों की जमीन ली जा रही है। अगर हमारी जमीन चली गई तो हम अपना जीवन यापन कैसे करेंगे। जो भूमि अधिग्रहित की जा रही है, वह उपजाऊ है, इस तरह की ज्यादातर किसानों की जमीन है। जिसके माध्यम से सभी के परिवारों का भरण पोषण होता है।

गांव के इंद्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि इस संबंध में चार-पांच बार जिला अधिकारी के माध्यम से ज्ञापन दिए जा चुके हैं। प्रशासन के द्वारा आश्वासन दिया जाता रहा है कि आपकी जमीन औद्योगिक कॉरीडोर में नहीं जाएगी, वहीं यूपीडा के अधिकारी हमारे खेतों में जाकर जमीन की माप जोख करते हैं। उनका कहना है कि तुम्हारी जमीन अधिग्रहित की जा रही है। जबकि हम अपनी जमीन किसी भी कीमत पर नहीं देंगे।

उन्होंने यह भी बताया कि सरकार द्वारा 8 लाख प्रति हेक्टेयर के सर्किल रेट के हिसाब से जमीन ली जा रही है। इस तरह एक बीघे जमीन की कीमत 1.4 लाख होती है, जबकि बाजार में 10 लाख रुपये बीघा जमीन मिलती है। अगर हमारी जमीन अधिग्रहित की जाती है तो मिलने वाले मुआवजा से हमें पांच बिस्वा जमीन भी नहीं मिल पाएगी। ऐसी स्थिति में हमारे परिवार भूखा मरने की कगार में पहुंच जाएंगे। इसी तरह महोखर गांव के किसानों ने भी जमीन न देने का ऐलान किया है।

गौरतलब है कि यूपीडा के अधिकारियों ने मवई बुजुर्ग के पास स्थित जमालपुर गांव में औद्योगिक कारीडोर बनाने के लिए 300 हेक्टेयर भूमि की चिन्हित की है, वहीं इसके अगल-बगल अन्य गांवों को भी चिन्हित किया जा रहा है। इसका किसान विरोध कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि हमारी पहले ही बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में ली जा चुकी है, जो बची जमीन है अगर उसे भी अधिग्रहित कर लिया गया तो हमारे सामने बड़ी विकराल स्थिति पैदा हो जाएगी।

spot_imgspot_imgspot_img
इससे जुडी खबरें
spot_imgspot_imgspot_img

सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली खबर