
हमारे मकानों की छतों में
आपस में इतनी दूरी थी
कि हम दोनों एक दूसरे को
चील की तरह दिखते थे
हमारी आंखों में दूरबीन नही थी
लेकिन सन्तुष्टि थी
इस बात की संतुष्टि
कि हम दोनों आमने सामने हैं
एक नर्म सी बात समझने में
मुझे बड़ा वक़्त लग गया
कि जरूरी नही
चाँद को छूकर देखा जाए
उसे निहार भी सकते हैं।