poem रोजाना एक कविता: आज पढ़िए अमित बृज की कविता ‘पूर्णता और शून्य’ By India Ground Report - December 3, 2021 0 227 FacebookTwitterPinterestWhatsApp मंजिल से ज्यादा जरुरी हैपथ पर ठीक से चलना,कुछ खास फर्क नहीं होतापूर्णता और शून्य मेंतुम्हारा संघर्षतुम्हारे कद से कहीं ऊंचा थाअलविदा पथिकमिलेंगे फिर कभी