
मैं तुमसे सच बोलूँगा
और बताऊँगा अपनी सारी बुराइयाँ
मैं तुमसे झूठ भी बोलूँगा
और दो-चार बुराइयाँ अपनी तरफ़ से
और जोड़ दूँगा..
फिर,
रखूँगा तुम्हारे सामने
अपना प्रेम प्रस्ताव
और,
इंतज़ार करूंगा
तुम्हारे द्वारा उसे
स्वीकार किए जाने का..
किसी को,
तमाम बुराइयों के साथ अपनाना
‘प्रेम’ की पुष्टि करता है..