रोजाना एक कविता : आज पढें अविनाश की कविता बायोपिक

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A poem a day: read Avinash's poetry biopic today

वह कोई नदी थी
जिसके किनारे दो प्रेमी युगल
अपनी भुरभुरी सी कल्पना में गढ़ रहे थे
सुंदर दृश्यों से हैप्पी एंडिंग वाली पटकथा

नदी उन दोनों की स्मृतियों से अब नदारद है
दोनों एक दूसरे के सपनों में आवाजाही करते हैं
उनकी इस बेरोकटोक ट्रैफिक पर कोई सिगनल नहीं है

एक का पति साइलेंट फ़िल्म का निर्देशक है
जिसमें उसकी पत्नी के सभी डायलॉग मिटा दिये गये हैं

एक की पत्नी किसी फिल्म की नैरेटर है
वह अपनी पत्नी की बताई कहानी में हाशिये का किरदार है

दोनों अपने-अपने दुःख
एक दूसरे से उन शब्दों में बयाँ करते हैं
जिन पर डिक्शनरी में कालिख पुती है