
वह कोई नदी थी
जिसके किनारे दो प्रेमी युगल
अपनी भुरभुरी सी कल्पना में गढ़ रहे थे
सुंदर दृश्यों से हैप्पी एंडिंग वाली पटकथा
नदी उन दोनों की स्मृतियों से अब नदारद है
दोनों एक दूसरे के सपनों में आवाजाही करते हैं
उनकी इस बेरोकटोक ट्रैफिक पर कोई सिगनल नहीं है
एक का पति साइलेंट फ़िल्म का निर्देशक है
जिसमें उसकी पत्नी के सभी डायलॉग मिटा दिये गये हैं
एक की पत्नी किसी फिल्म की नैरेटर है
वह अपनी पत्नी की बताई कहानी में हाशिये का किरदार है
दोनों अपने-अपने दुःख
एक दूसरे से उन शब्दों में बयाँ करते हैं
जिन पर डिक्शनरी में कालिख पुती है