spot_img
Homelatestरोजाना एक कविता : आज पढ़िए डॉ. कविता विकास की खूबसूरत ग़ज़ल

रोजाना एक कविता : आज पढ़िए डॉ. कविता विकास की खूबसूरत ग़ज़ल

जेब में चार आना नहीं है
पर किसी को बताना नहीं है
जोश- जज्बे का ही खेल है यह
हार में हार जाना नहीं है
साथ रस्ते में ही छोड़ देगी
साँस का कुछ ठिकाना नहीं है
मान सम्मान देता नहीं जो
उसको अपना बनाना नहीं है
रब की मर्जी के आगे किसी का
चलता कोई बहाना नहीं है
वो हमेशा ही तनहा रहेगा
साथ जिसके ज़माना नहीं है
मुस्कुराहट की दौलत से बढ़कर
और कोई ख़ज़ाना नहीं है

spot_imgspot_imgspot_img
इससे जुडी खबरें
spot_imgspot_imgspot_img

सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली खबर