New Delhi : ED ने अलफलाह यूनिवर्सिटी संस्थापक को 13 दिनों की हिरासत में लिया

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नई दिल्ली : (New Delhi) दिल्ली के साकेत कोर्ट ने लालकिला बम विस्फोट से जुड़े मामले में अलफलाह यूनिवर्सिटी के संस्थापक जावेद अहमद सिद्दिकी (Al Falah University founder Javed Ahmed Siddiqui) को 13 दिनों की प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) (ED) की हिरासत में भेज दिया है। एडिशनल सेशंस जज शीतल चौधरी प्रधान ने 13 दिनों की हिरासत में भेजने का आदेश दिया।

ईडी ने जावेद अहमद सिद्दिकी को 18 नवंबर को गिरफ्तार किया था। उसे 18 नवंबर की रात करीब एक बजे काेर्ट में पेश किया गया। फरीदाबाद स्थित अलफलाह यूनिवर्सिटी लालकिला ब्लास्ट (Red Fort blast) के बाद से ही जांच एजेंसियों के रडार पर है। लालकिला ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार तीन डॉक्टरों का संबंध अलफलाह यूनिवर्सिटी से पाया गया जिसके बाद इस यूनिवर्सिटी के खिलाफ जांच शुरु की गई। ईडी ने जावेद को टेरर फंडिंग और मनीलांड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है।

पटियाला हाउस कोर्ट ने 18 नवंबर को लालकिला ब्लास्ट के आरोपित और आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर नबी के सहयोगी जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश को 10 दिनों की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) (NIA) हिरासत में भेजा था। एनआईए ने दानिश को श्रीनगर से गिरफ्तार किया था। एनआईए के मुताबिक दानिश ने ड्रोन में तकनीकी बदलाव किए और कार बम विस्फोट से पहले रॉकेट तैयार करने की कोशिश की। एनआईए के मुताबिक दानिश ने उमर उन नबी के साथ मिलकर पूरी साजिश को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई।

एनआईए के मुताबिक राजनीति विज्ञान में स्नातक दानिश को आत्मघाती हमलावर बनाने के लिए उमर ने ब्रेनवाश किया। वह अक्टूबर 2024 में कुलगाम की एक मस्जिद में डॉक्टर मॉड्यूल से मिलने को तैयार हुआ, जहां से उसे हरियाणा के फरीदाबाद में अलफलाह विश्वविद्यालय में रहने के लिए ले जाया गया।

दानिश को पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हिरासत में लिया था और पूछताछ में उसने खुलासा किया था कि मॉड्यूल के अन्य लोग उसे प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद के लिए ओवर-ग्राउंड वर्कर (over-ground worker) (OGW) बनाना चाहते थे, जबकि उमर कई माह से उसका ब्रेनवॉश कर आत्मघाती हमलावर बनने के लिए तैयार कर रहा था। एनआईए के मुताबिक उमर की यह कोशिश इस साल अप्रैल में उस समय नाकाम हो गई जब दानिश ने अपनी खराब आर्थिक स्थिति और इस्लाम में आत्महत्या को गलत मानने का हवाला देते हुए इससे इनकार कर दिया था।

इससे पहले कोर्ट ने इस मामले में गिरफ्तार आरोपित आमिर रशीद अली (remanded Aamir Rashid Ali) को 10 दिनों की एनआईए हिरासत में भेजा था। आमिर रशीद अली को एनआईए ने 16 नवंबर को गिरफ्तार किया था। लालकिला ब्लास्ट मामले (Red Fort blast case) में एनआईए की ओर से आमिर की पहली गिरफ्तारी थी। आमिर रशीद अली पर मुख्य आरोपित उमर को कार लाने में मदद करने का आरोप है।

उल्लेखनीय है कि 10 नवंबर को लालकिला के पास एक आई 10 कार में ब्लास्ट हुआ था। यह कार आमिर रशीद अली के नाम पर थी। इस धमाके में 13 लोगों की मौत हुई और 32 लोग घायल हो गए थे।