नई दिल्ली : (New Delhi) चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) (CSK) ने अपने कोर ग्रुप में बड़ा बदलाव करते हुए इंडियन प्रीमियर लीग इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण ट्रेड्स में से एक को अंजाम दिया है। संजू सैमसन को 18 करोड़ रुपये में सीएसके ने ट्रेड किया, जबकि रवींद्र जडेजा 14 करोड़ रुपये में राजस्थान रॉयल्स (Rajasthan Royals) (RR) में वापस लौट आए। दो कमजोर सीज़न के बाद यह कदम उठाया गया है, जिसमें पांच बार की चैंपियन सीएसके प्लेऑफ़ तक नहीं पहुंच सकी और उसे उम्रदराज़ मिडिल ऑर्डर, सीमित हिटिंग पावर और सिकुड़ते स्पिन विभाग जैसी समस्याओं से जूझना पड़ा।
संजू सैमसन का आगमन सीएसके की बैटिंग (CSK’s batting) से जुड़ी कई चिंताओं को दूर करता है, हालांकि यह सवाल बना हुआ है कि क्या एक खिलाड़ी दो साल से चल रही संरचनात्मक समस्या को पूरी तरह हल कर सकता है। राजस्थान के लिए 11 सीज़न में 4027 रन, 2022 में टीम को फाइनल तक ले जाना और 2024 में करियर-बेस्ट 531 रन—ये आंकड़े उनकी प्रभावशीलता साबित करते हैं। आईपीएल 2025 (IPL 2025) के बाद रिलीज़ की उनकी मांग ने यह ट्रेड लगभग तय कर दिया था, और धोनी-युग के बाद सही संतुलन तलाश रही सीएसके उनके लिए स्वाभाविक ठिकाना बनी।
दूसरी ओर, जडेजा को छोड़ना सीएसके के लिए बड़ी चुनौती पैदा करता है। एक दशक से सीएसके की सफलता उसकी स्पिन रणनीति पर आधारित रही है और जडेजा उसके केंद्र में थे—143 विकेट, तीन खिताब और 2023 फाइनल में उनकी यादगार जीत। बावजूद इसके कि टीम के पास नूर अहमद और श्रेयस गोपाल जैसे विकल्प मौजूद हैं, जडेजा की जगह भरना आसान नहीं होगा। अब सीएसके को मिनी ऑक्शन में एक ऐसे भारतीय स्पिन-ऑलराउंडर की ज़रूरत होगी, जो बल्लेबाजी भी कर सके—जो बाजार में बेहद कम उपलब्ध है।
राजस्थान के लिए जडेजा की घर वापसी भावनात्मक होने के साथ रणनीतिक भी है। आईपीएल 2025 के दूसरे चरण में टीम के पतन और सैमसन की चोट ने अनुभव व संतुलन की कमी को उजागर किया था। जडेजा दोनों लाते हैं—अनुभव और नेतृत्व गहराई, साथ ही डेथ ओवर्स में नियंत्रण। यह ट्रेड आईपीएल 2026 (IPL 2026) से पहले की सबसे बड़ी हलचल साबित हुआ है, जिसने दोनों टीमों की दिशा बदल दी है।


